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चुंगथांग बांध की हो फोरेंसिक जांच : पीडी राई

एसडीएफ ने मुख्‍यमंत्री के आरोपों का किया खंडन

गंगटोक, 07 अक्टूबर । सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) पार्टी ने चुंगथांग में तीस्ता स्टेज-3 बांध और सिक्किम एनर्जी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की फोरेंसिक जांच की मांग की है।

एसडीएफ पार्टी ने यह मांग मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) के इस दावे के बाद उठाई है कि पूर्व एसडीएफ सरकार के दौरान निम्न गुणवत्ता वाले बांध के निर्माण के कारण यह बांध टूट गया और 4 अक्टूबर को तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई। पार्टी के प्रचार प्रमुख और पूर्व सांसद पीडी राई ने मुख्यमंत्री के आरोपों का खंडन किया और चुंगथांग बांध क्यों और कैसे टूटा, इसकी फोरेंसिक जांच की मांग की। उन्होंने यह भी अपील की है कि तब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जाए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गोले ने यह भी कहा है कि चुंगथांग बांध को लेकर एक जांच कमेटी बनायी जायेगी। पीडी राई ने मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत किया लेकिन कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।

इसके अलावा एसडीएफ पार्टी ने यह भी मांग की है कि इस बात पर अध्ययन कराया जाए कि क्या ल्होनक ग्लेशियर को टूटने से रोका जा सकता था। पीडी राई के मुताबिक एसडीएफ सरकार के दौरान ल्‍होनक ग्लेशियर पर गहन अध्ययन किया गया और वहां जम रहे पानी को विस्थापित करने का प्रयास किया गया। हालांकि, राई का कहना है कि संबंधित एजेंसियों की चेतावनी के बावजूद एसकेएम सरकार ने इस दिशा में कार्रवाई नहीं की। श्री राई ने सभी से इस विकट परिस्थिति में राजनीति न करने की अपील भी की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गोले ने कल प्राकृतिक आपदा को राजनीति के साथ मिलाकर एक गैर जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिया है।

उल्लेखनीय मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने कल एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दावा किया कि 4 अक्टूबर की आपदा पूर्व एसडीएफ सरकार के दौरान चुंगथांग में कमजोर बांध के निर्माण के कारण हुई थी। उन्होंने कहा कि सरकार जांच कमेटी बनायेगी और दोषियों को सजा देगी। मुख्यमंत्री के इस बयान का एसडीएफ पार्टी ने खंडन करते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। श्री राई ने कहा कि हमारी पार्टी के अध्यक्ष तथा पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग पहले ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं और इस मुद्दे को राजनीति से दूर रखने और हरसंभव सहयोग देने का विचार व्यक्त कर चुके हैं।

हालांकि, मुख्यमंत्री ने इसका घटना कर राजनीतिकरण कर दुर्भाग्यपूर्ण काम किया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सिक्किम को ऐसी आपदा का सामना कहीं घटिया पुल के कारण नहीं बल्कि खराब मुख्‍यमंत्री के कारण तो नहीं करना पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा कि यदि बांध कमजोर होने के कारण बाढ़ आई, तो चुंगथांग बाजार कैसे क्षतिग्रस्त हो गया।

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