गंगटोक, 05 अक्टूबर । उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से मची तबाही में अब तक 14 लोगों के शव मिले हैं, जबकि 22 सैन्यकर्मियों समेत 102 लोग लापता हैं।
राज्य सरकार ने बताया कि तीन जिलों में कुल 14 लोगों की मृत्यु हुई है। गंगटोक जिले ें तीन, मंगन जिले में चार और पाकिम जिले में सात लोगों की जान गई है। नाम्ची जिले के पांच लोग लापता हैं। वहीं गंगटोक के 22, मंगन के 16 और पाकिम के 59 लोगों तीस्ता में बहने के कारण लापता हो गए। हादसे में 26 लोग घायल हुए हैं।
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को आई आपदा के बाद से अब तक 2011 लोगों को बचाया गया है, जबकि 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। लापता 22 सैन्यकर्मियों की तलाश निचले इलाकों में की जा रही है। संभावना है कि पानी का तेज बहाव उन्हें नीचे की ओर ले गया होगा। राज्य सरकार ने आपदा प्रभावित चार जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं।
बुधवार को उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में भारी मात्रा में जल जमा हो गया जो चुंगथांग बांध की ओर बह निकला। जल के तेज बहाव से बिजली संयंत्र का बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया और निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। चार जिले प्रभावित हुए हैं, जहां 11 पुल बह गए और पानी की पाइपलाइन, सीवर लाइनें और कच्चे-पक्के 277 घर क्षतिग्रस्त हो गए।
चुंगथांग शहर का 80 प्रतिशत हिस्सा बुरी तरह प्रभावित है। अत्यधिक महत्वपूर्ण एनएच-10 भी क्षतिग्रस्त हुआ है। 14 लोगों के शव मिले हैं। 102 लोग लापता हैं और 26 लोग घायल हुए हैं। रक्षा प्रवक्ता ले कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भारी बारिश और बेहद खराब मौसम के बीच करीब 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
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