गंगटोक, 04 अक्टूबर । दक्षिण ल्होनक झील में आउटबस्र्ट से तीस्ता नदी में अत्यधिक जलप्रवाह के कारण राज्य में विभिन्न स्थानों पर तबाही का मंजर है। इस आपदा में अब तक 10 लोगों की मृत्यु और 82 के लापता होने की खबर है। वहीं इस प्राकृतिक आपदा में निजी एवं सार्वजनिक संपत्तियों को भी व्यापक नुकसान पहुंचा है। इसमें 14 पुल ढह गए हैं जिनमें से 9 सीमा सड़क संगठन और 5 राज्य सरकार के अधीन हैं। घायलों एवं लापता हुए लोगों में सभी मंगन जिले के चुंगथांग, गंगटोक जिले के डिक्चु, सिंगताम और पाकिम जिले के रंगपो के हैं।
सिक्किम सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि बुधवार तड़के आई बाढ़ से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वाले सभी आम नागरिक हैं। वहीं, इसमें 82 लोग लापता हैं और राज्य के विभिन्न हिस्सों में 3 हजार से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है। चुंगथांग में तीस्ता स्टेज-3 जल विद्युत परियोजना में काम कर रहे दर्जन भर से अधिक मजदूर अभी भी परियोजना की सुरंगों में फंसे हुए हैं।
राज्य के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने बताया कि ल्होनक झील में मंगलवार रात करीब 10:42 बजे बादल फटने के बाद अत्यधिक पानी के दबाव में झील का तटबंध टूट कर भारी मात्रा में पानी तीस्ता नदी की ओर बहने लगा। इससे तुरंत ही तीस्ता बेसिन के विभिन्न हिस्सों में जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा और खास कर चुंगथांग में खतरनाक स्तर पर जल प्रवाह के कारण तीस्ता चरण-3 डैम क्षतिग्रस्त हो गया। डैम की सुरंगों में अभी भी 12-14 मजदूर फंसे हुए हैं। मुख्य सचिव ने आगे बताया कि आपदा में राज्य भर में कुल 26 लोग घायल हुए हैं जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है। वहीं, बरदांग में सेना के 23 जवान अभी भी लापता हैं। आपदा के समय उनके काफिले के वाहन राजमार्ग के निकट खड़े था जो कीचड़ में डूब गये। हालांकि, भारतीय सेना की एक विज्ञप्ति के अनुसार लापता जवानों में से एक को सकुशल मिल गया है। अन्य जवानों की खोज में सेना का अभियान भी जारी है।
दूसरी ओर, आपदा में चुंगथांग थाने को भी नुकसान पहुंचा है। बताया गया है कि मंगन जिले के सांगकलान और टूंग में बाढ़ के कारण फाइबर केबल लाइनें नष्ट होने से चुंगथांग और उत्तर सिक्किम में अधिकांश मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से एनडीआरएफ की तीन अतिरिक्त प्लाटून की मांग की है, जिसे मंजूरी दे दी है। रंगपो और सिंगताम में एनडीआरएफ की एक प्लाटून पहले से ही राहत व बचाव कार्य में लगी है। बताया गया है कि एनडीआरएफ की एक प्लाटून को बचाव कार्यों के लिए हवाई मार्ग से चुंगथांग ले जाया जाएगा। इसी तरह खाद्य और नागरिक आपूर्ति को चुंगथांग ले जाया जाएगा।
इसके अलावा, राज्य प्रशासन द्वारा राज्य में राशन की कमी की आशंका के बारे में बताते हुए मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि सिलीगुड़ी से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु भारतीय सेना और एनएचआईडीसीएल द्वारा बेली ब्रिज बनाए जाएंगे। राज्य सरकार ने सिंगतम, रंगपो, डिक्चू और आदर्श गांव में 18 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। हालांकि, चुंगथांग के साथ सम्पर्क की कमी के कारण, भारतीय सेना और अन्य अर्धसैनिक बलों द्वारा वहां राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं।
उधर, इस भीषण प्राकृतिक आपदा में तीस्ता नदी के किनारे स्थित रंगपो के औद्योगिक बेल्ट (आईबीएम) में 150 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 20 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है। दोपहर में आईबीएम क्षेत्र से एक शव बरामद किया गया है। राहत व बचाव कार्यों के लिए रंगपो में पांच राहत शिविर खोले गए हैं। इनमें चानाटार गवर्नमेंट स्कूल, सिक्किम डिस्टिलरीज हॉल, टूरिस्ट इंफोर्मेशन सेंटर हॉल, माझीगांव आवासीय परिसर और माइनिंग गवर्नमेंट स्कूल हॉल शामिल हैं। रंगपो नगर पंचायत के पार्षद सिविल डिफेंस के साथ राहत शिविरों में कार्यरत हैं। अब तक लगभग 400 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, शाम तक क्षतिग्रस्त घरों से सभी लोगों को राहत शिविरों में ले आया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित अधिकांश घरों में निचली दो मंजिलें डूब गई हैं, मजदूरों के कच्चे घर बह गए हैं और कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है। इससे पहले, कल रात 2 बजे से पहले ही रंगपो से प्रशासन द्वारा करीब 4 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। दूसरी ओर, सिंगताम और रंगपो को जोड़ने वाला एनएच-10 तीस्ता नदी के तेज प्रवाह से 21 माइल क्षेत्र में कट गया है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ठीक किया जा रहा है। इसी बीच, पाकिम डीएम ताशी चोपेल ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि रंगपो में आईबीएम क्षेत्र में कुछ लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 150 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि एनएच-10 के साथ पाकिम जिलान्तर्गत सिंगताम और रंगपो के बीच के हिस्से को लें तो इस आपदा से लगभग 200 घरों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना है। वहीं, अभी मृतकों की संख्या निश्चित नहीं हैं, लेकिन 20 लोग लापता हैं।
डीएम ने आगे बताया कि सिंगताम और रंगपो के बीच बारदांग इलाके से लगभग 23 सैन्यकर्मियों के लापता होने की भी रिपोर्ट है। हालांकि, तीस्ता नदी के किनारे दवा एवं अन्य औद्योगिक इकाइयों को नुकसान पहुंचने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
वहीं, जिला प्रशासन के अनुसार इस आपदा में माझीटार स्थित सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और सिंगताम एवं रंगपो के बीच बारदांग स्थित एडवांस्ड टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर के परिसर भी पहली मंजिल तक नदी के पानी में डूबे हैं। इसमें एसएमआईटी के छात्र सुरक्षित हैं, जबकि एटीटीसी के छात्रों को उनके घर जाने की अनुमति दे दी गई है। इसके अलावा, आईबीएम में अभी भी अपने घरों में फंसे कुछ लोगों को दमकल और एनडीआरएफ की टीमों द्वारा निकाला जा रहा है।
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