गंगटोक, 15 सितम्बर । सरकार गठन के चार साल तीन महीने 12 दिन बीत जाने के बाद एसकेएम पार्टी ने राज्य स्तरीय पंचायत सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की है। इस घोषणा से यह सच सामने आ गया है कि एसकेएम सरकार अब तक राज्य की माननीय पंचायतों को क्या दर्जा और मान्यता देती रही है। ये बातें पूर्व पंचायत अध्यक्ष तथा एसडीएफ पंचायत प्रकोष्ठ के सचिव विजय प्रधान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
उन्होंने कहा कि कल आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसकेएम पंचायत सेल के अध्यक्ष ने राज्य के सभी पंचायतों से आगामी पंचायत सम्मेलन में भाग लेने की अपील की और कहा, यह सम्मेलन एक बड़ा मंच है जहां पंचायतें राज्य स्तर पर अपने विचार व्यक्त कर सकती हैं और इस तरह का कार्यक्रम पहले कभी नहीं हुआ। प्रधान ने कहा कि एसकेएम पंचायत सेल अध्यक्ष का बयान बिल्कुल गलत और निराधार है। एसडीएफ पार्टी इसका पुरजोर खंडन करती है। इसके अतिरिक्त हम पंचायत प्रकोष्ठ अध्यक्ष एवं उनकी टीम को सूचित करना चाहेंगे कि एसडीएफ सरकार के दौरान ग्रामीण प्रबंधन एवं विकास विभाग के तत्वावधान में प्रतिवर्ष राज्य स्तरीय पंचायत सम्मेलन का आयोजन किया जाता था। ऐसे सम्मेलनों का आयोजन करके पंचायतों को लोगों की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था और उन्हीं सम्मेलनों में राज्य के चार जिलों के प्रतिनिधियों को सर्वश्रेष्ठ पंचायत पुरस्कार दिए जाते थे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष पंचायत सम्मेलन आयोजित करने से राज्य के प्रत्येक वार्ड स्तर की आवश्यक मांगों को सरकार द्वारा समय पर पूरा करने में मदद मिलती थी।
श्री प्रधान ने कहा कि आज एसकेएम सरकार ने पंचायतों के अधिकारों को पूरी तरह से छीन लिया है। पंचायतों को अधिकारहीन कर दिया गया है। एसकेएम सरकार ने भारतीय संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में पंचायतों को दिए गए 29 विषयों का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। लोकप्रिय वोट से चुनी गई पंचायतों के बजाय एसकेएम पार्टी के पदाधिकारियों को शक्तिशाली बना दिया गया है। आज स्थानीय लोगों के लिए रियायतों और सुविधाओं की सूची तैयार करने में स्थानीय एसकेएम कार्यकर्ता और प्रखंड स्तर के अधिकारी लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि एसडीएफ सरकार ने शक्तियों का हस्तांतरण करके पंचायतों को सशक्त बनाया। एसडीएफ सरकार ने एक ऐसा वातावरण बनाया जिसमें ग्रामीण स्थानीय निकाय प्रणाली पर आधारित पंचायतें, ग्राम सरकारें हैं और स्वतंत्र रूप से लोक कल्याण कार्य करती हैं। आज वैसा माहौल नहीं है। एसकेएम पार्टी ने पंचायतों को अकार्यशील बनाकर जनमत का अनादर किया है। इसका ज्वलंत उदाहरण यह है कि 12 सितंबर को दक्षिण जिला एसकेएम पार्टी पंचायत सेल के महासचिव श्री राबिन राई ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि एसकेएम पार्टी ने पंचायत के अधिकारों का अतिक्रमण किया है। इससे साबित होता है कि एसकेएम सरकार ने लोगों द्वारा चुनी गई पंचायतों की उपेक्षा और अनादर किया है।
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