आयुष अधिकारी ने समाप्त की 72 घंटे की मौन भूख हड़ताल

दार्जिलिंग : 72 घंटे की मौन भूख हड़ताल पर बैठे आयुष अधिकारी ने आज अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। हालांकि, इस हड़ताल के माध्यम से वे जो संदेश देना चाहते थे, वह दूर तक पहुंच चुका है। इंडियन गोरखा जनशक्ति फ्रंट (आईजीजेएफ) पार्टी के केंद्रीय कार्यकारी सदस्य बिमल झांवर ने उन्हें जूस पिलाकर हड़ताल समाप्त कराई।

आईजीजेएफ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य एवं दार्जिलिंग नगर पार्षद गोपाल परियार ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी गोरखाओं की भावनाओं के साथ खेलवाड़ कर रही है। वे हड़ताल स्थल पर मौजूद थे। इस दौरान आईजीजेएफ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य बिमल झांवर, पार्षद प्रतिम सुब्बा, सन्नी बम्जन तमांग, मंदीप लामा, राजू सुब्बा सहित अन्य नेता भी उपस्थित थे। यह जानकारी आईजीजेएफ द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।

उल्लेखनीय है कि आयुष अधिकारी 25 दिसंबर से सिलीगुड़ी के मिलन मोड़ पर 72 घंटे की मौन भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी मुख्य मांगों में गोरखाओं के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था अथवा पीपीएस और गोरखा समाज की 11 जाति–उपजातियों को शीघ्र जनजाति का दर्जा देना शामिल है।

आयुष अधिकारी के अनुसार, वे केंद्र सरकार और दार्जिलिंग के लोकसभा सांसद राजू बिष्ट का ध्यान भाजपा द्वारा गोरखाओं से किए गए इन वादों की ओर आकर्षित करना चाहते थे। गोपाल परियार ने कहा कि गोरखाओं की शुरू से ही स्थायी समाधान, अर्थात बंगाल से अलग प्रशासनिक व्यवस्था की मांग रही है, लेकिन अदूरदर्शी नेतृत्व के कारण अब तक केवल अस्थायी व्यवस्थाएं ही मिलती रही हैं। इसी के विकल्प के रूप में गोरखाओं ने 2009 से भाजपा पर भरोसा जताया और लगातार समर्थन दिया। उन्होंने याद दिलाया कि 2009, 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में गोर्खाओं ने भाजपा का समर्थन किया, इसके बावजूद गोरखालैंड की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी नहीं हुई।

परियार ने आरोप लगाया कि केंद्र में मजबूत सरकार होने के बावजूद भाजपा ने गोरखाओं की मांगों पर गंभीरता नहीं दिखाई और इस प्रकार गोरखाओं को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गोरखालैंड के सपने की याद दिलाने के लिए ही आयुष अधिकारी ने मौन भूख हड़ताल की।

उन्होंने स्पष्ट किया कि पहाड़, तराई और डुआर्स को मिलाकर अलग राज्य गोरखालैंड का गठन ही उनकी पार्टी की स्पष्ट मांग है। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए वार्ताकार नियुक्त करने की प्रक्रिया पर भी उन्होंने संदेह जताया। उल्लेखनीय है कि शनिवार को आईजीजेएफ के केंद्रीय संयोजक अजय एडवर्ड्स भी हड़ताल स्थल पर पहुंचकर आयुष अधिकारी से मिले थे।

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