शिक्षा विभाग की शिकायतों पर डीएम वर्षा सिंह सख्त, 416 मामलों की हुई सीधी सुनवाई

हाजीपुर । वैशाली जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ी लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी (डीएम) वर्षा सिंह ने शनिवार को बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया। समाहरणालय सभागार में आयोजित विशेष जिला स्तरीय शिक्षा विभाग समाधान कैंप में शिक्षकों और आम नागरिकों से जुड़े कुल 416 मामलों की सीधी सुनवाई की गई। कैंप के दौरान कई मामलों का मौके पर ही निष्पादन किया गया, जबकि शेष लंबित मामलों के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित कर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

यह विशेष कैंप शिक्षा विभाग से जुड़ी समस्याओं को लेकर बढ़ते असंतोष और लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनज़र आयोजित किया गया था। लंबे समय से वेतन भुगतान, स्थानांतरण, सेवा पुस्तिका में त्रुटि, प्रोन्नति, पेंशन और अनुकंपा नियुक्ति जैसे मामलों को लेकर शिक्षक और कर्मचारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे थे। इसी को देखते हुए जिलाधिकारी ने एक ही मंच पर सभी मामलों की सुनवाई कर त्वरित समाधान की पहल की। कैंप में वेतन भुगतान, सेवा पुस्तिका, स्थानांतरण, पदस्थापन, प्रोन्नति, पेंशन, अवकाश, मानदेय, अनुकंपा नियुक्ति तथा न्यायालय से जुड़े मामलों को प्राथमिकता के आधार पर सुना गया।

जिलाधिकारी वर्षा सिंह पूरे समय कैंप में मौजूद रहीं और एक-एक आवेदन की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी पात्र आवेदक के साथ अन्याय न हो तथा सभी मामलों का नियमों के तहत समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। इस समाधान कैंप में सबसे अधिक 169 आवेदन स्थानांतरण से संबंधित थे। इसके अलावा वेतन एवं अन्य भुगतान के 97, अनुकंपा नियुक्ति के 38, न्यायालय से जुड़े 44, प्रोन्नति से संबंधित 7 तथा 50 अन्य विविध मामले सामने आए। जिला प्रशासन के अनुसार, आवेदनों की बड़ी संख्या यह दर्शाती है कि शिक्षा विभाग की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को और अधिक सुचारु व पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है।

कैंप के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें आवश्यक दस्तावेज पूर्ण होने के कारण तत्काल निर्णय लिया गया। वहीं जिन मामलों में तकनीकी या प्रक्रिया संबंधी बाधाएं थीं, उनके लिए जिला एवं प्रखंड स्तरीय शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे निर्धारित समय-सीमा के भीतर निष्पादन सुनिश्चित करें और आवेदकों को अनावश्यक रूप से  परेशान न किया जाए। जिलाधिकारी ने सख्त लहजे में कहा कि शिक्षा विभाग से जुड़े मामलों में लापरवाही, टालमटोल या अनावश्यक विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं और उनकी समस्याओं का समय पर समाधान अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिकायतों के निस्तारण की नियमित समीक्षा की जाएगी और निर्देशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है। कैंप में पहुंचे शिक्षकों, कर्मचारियों और आम नागरिकों ने इस पहल को राहत भरा कदम बताया। कई आवेदकों ने कहा कि वे लंबे समय से अपनी समस्याओं को लेकर कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन पहली बार उन्हें एक ही स्थान पर जिलाधिकारी के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर मिला। मौके पर हुए निस्तारण से प्रशासन के प्रति लोगों का भरोसा भी बढ़ा है।

जिला प्रशासन का कहना है कि ऐसे समाधान कैंपों का उद्देश्य केवल शिकायतें सुनना नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर समस्याओं की पहचान कर व्यवस्था में सुधार लाना है। जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को मजबूत, जवाबदेह और पारदर्शी बनाना जिला प्रशासन की प्राथमिकताओं में शामिल है और आगे भी आवश्यकता अनुसार ऐसे विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे। प्रशासन ने सभी शिक्षकों और संबंधित कर्मियों से अपील की है कि वे निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत आवेदन करें और आवश्यक दस्तावेज समय पर प्रस्तुत करें, ताकि मामलों का शीघ्र निष्पादन हो सके।

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