बिना तथ्य जाने हमारे राज्य के मामलों में दखल न दें CM विजयन : डीके शिवकुमार

बंगलूरू । कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को केरल के मुख्यमंत्री को उत्तरी बंगलूरू में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान में हस्तक्षेप न करने की सलाह दी। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने शुक्रवार को कर्नाटक की राजधानी में मुस्लिम आवासीय क्षेत्रों को कथित तौर पर ध्वस्त किए जाने की कड़ी निंदा करते हुए इस कार्रवाई को चौंकाने वाला और पीड़ादायक बताया। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा था कि फकीर कॉलोनी और वसीम लेआउट में वर्षों से रह रहे मुस्लिम परिवारों के घर गिराए जाना दर्दनाक और चौंकाने वाला है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डी के शिवकुमार ने कहा, यह पूरी तरह एक राजनीतिक बयान है। बिना तथ्य जाने पिनरई विजयन को हमारे राज्य के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। यह चुनाव के समय किया गया राजनीतिक हथकंडा है। शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि जिस जमीन पर झुग्गियां बनी थीं, वह ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नौ साल पहले अधिसूचित की गई थी। उन्होंने कहा कि यह जगह एक पुरानी खदान और कचरा डंपिंग साइट है, जो बेहद खतरनाक और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने रातों-रात अवैध रूप से कब्जा कर लिया। यह जमीन हड़पने का मामला है। इसमें किसी समुदाय को निशाना बनाने की बात बिल्कुल गलत है।

उपमुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इस कार्रवाई में किसी भी तरह के बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया गया।  उन्होंने कहा, हमने सिर्फ सार्वजनिक जमीन की रक्षा की है। यह शहर के बीचों-बीच स्थित कचरा प्रबंधन की जगह है। हम ऐसे अवैध स्लम को बढ़ावा नहीं दे सकते। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि कांग्रेस सरकार मानवीय दृष्टिकोण रखती है और नियमों के तहत पात्र लोगों को वैकल्पिक आवास दिया जाएगा। डीके शिवकुमार ने आगे कहा कि जो लोग वास्तव में जरूरतमंद और पात्र हैं, उन्हें राजीव गांधी आवास योजना के तहत घर दिए जाएंगे। लेकिन बिना कारण सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों को संरक्षण नहीं मिलेगा।

शिवकुमार के अनुसार, अधिकतर अतिक्रमणकारी बाहरी लोग हैं और कुछ ही स्थानीय हैं। उन्होंने बताया कि यह इलाका ब्यातरायनपुरा विधानसभा क्षेत्र में आता है, जहां से राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा विधायक हैं। उन्होंने कहा, ‘वह वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं और उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए थे कि किसी भी तरह की भूमि हड़पने की कोशिश न होने दी जाए।’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बंगलूरू में स्लम हटाने की कार्रवाई कोई नई बात नहीं है, यह एक नियमित प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, बंगलूरू मुंबई जैसे शहरों की तरह नहीं है। यहां बहुत ज्यादा झुग्गियां नहीं हैं और हम नई झुग्गियां बनने नहीं देना चाहते। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और आवास मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान अधिकारियों के साथ बैठक कर पुनर्वास की योजना पर काम कर रहे हैं। इस दौरान शिवकुमार ने दोहराया कि हम लाखों घर बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। केवल असली जरूरतमंदों का ही पुनर्वास किया जाएगा।

वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने अपने बयान में आरोप लगाया था कि यह घटना उत्तर भारत में दिखने वाली ‘बुलडोजर राजनीति’ जैसी है, जो अब दक्षिण भारत में भी फैल रही है। उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में पूरे परिवारों को घरों से बेघर कर दिया गया, जिससे वे सड़क पर आ गए। इस पूरे मामले पर शिवकुमार ने कहा कि वह केरल के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पूरी रिपोर्ट भेजेंगे, ताकि तथ्यों के आधार पर स्थिति स्पष्ट हो सके।

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