गंगटोक : लिंगी नालीपर्ताम में आयोजित राज्य स्तरीय नामसुंग उत्सव को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Prem Singh Tamang) ने सभी को नामसुं पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस पर्व में शामिल होने को अपने लिए सौभाग्य की बात बताते हुए लेप्चा समुदाय के महान पर्व नामसुंग की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लेप्चा समुदाय एक आदिम जनजाति है, जो प्रकृति को अपना परिवार और धरती को अपनी मातृभूमि मानती है। प्रकृति-पूजक लेप्चा समुदाय के जीवन दर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आज यह दर्शन पूरी दुनिया में गूंज रहा है और यूनेस्को भी इस प्राचीन संस्कृति को महत्व देता है। लेप्चा समुदाय के दर्शन से सिक्किम को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रही है और राज्य की मजबूत नींव रखने में इस समुदाय का बड़ा योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने कंचनजंघा पर्वत को संरक्षक देवता मानकर प्रकृति संरक्षण में लेप्चा समुदाय के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने पद्मश्री से सम्मानित लेप्चा समुदाय के व्यक्तित्वों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए योगदान की सराहना भी की।
पूर्व सरकारों पर जातियों के बीच विभाजन कर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि Sikkim Krantikari Morcha (एसकेएम) सरकार ने इस नीति को पूरी तरह समाप्त कर सांप्रदायिक सौहार्द कायम किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि SKM पार्टी की राजनीति सिक्किमवासियों को बांटने की नहीं, बल्कि सभी को एकजुट रखने की है। राज्य को विभाजित करने की हर साजिश को जनता ने नाकाम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी जैसे कठिन समय में भी एसकेएम सरकार ने जनता के लिए हरसंभव कार्य किया, जिसका परिणाम यह रहा कि 2024 में जनता ने भारी बहुमत से एसकेएम को सत्ता में वापस लाया। उन्होंने कहा कि एसकेएम की जनमुखी और गरीब-हितैषी नीतियों के कारण ही जनता का समर्थन मिला है और पार्टी की प्राथमिकता गरीबों का उत्थान है।
उन्होंने कहा कि नामसुंग केवल लेप्चा समुदाय का नहीं, बल्कि पूरे सिक्किम का पर्व है। सिक्किम में भोटिया, लेप्चा और नेपाली समुदाय नाखून और मांस की तरह एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, जो सांप्रदायिक सद्भाव का उत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते छह वर्षों में सिक्किम ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं और राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की पहचान मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि तुमिन–लिंगी क्षेत्र में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं तथा यहां फल और सब्जियों का अच्छा उत्पादन होता है।
मुख्यमंत्री ने सामूहिक विकास के लिए सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि विकास कार्य व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक रूप से होने चाहिए। उन्होंने तुमिन–लिंगी डेवलपमेंट कमिटी के गठन का सुझाव देते हुए इसके माध्यम से सामूहिक विकास कार्य करने का आह्वान किया तथा समिति में विभिन्न क्षेत्रों के जानकार लोगों को शामिल करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता को एक भूमिपुत्र और अनुभवी विधायक मिला है। मुख्यमंत्री ने सभी से अपनी-अपनी जातीय वेशभूषा और परंपराओं को अपनाने तथा संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में योगदान देने की अपील की। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आगे चलकर विद्यालयों में मातृभाषा की पढ़ाई अनिवार्य करने की योजना है।
लेप्चा समुदाय द्वारा प्रकृति, वेशभूषा और संस्कृति के संरक्षण की मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने लेप्चा भवन के निर्माण, लेप्चा भाषा के सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति सहित अन्य विषयों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक और लेप्चा संघ के अध्यक्ष द्वारा रखी गई मांगों पर पहल करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने किमबोटे–सोक्पो 17 किलोमीटर सड़क के कार्पेटिंग की घोषणा की और इस क्षेत्र को योग केंद्र के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया, जिससे यह पर्यटन का आकर्षण बन सके। इसके अलावा उन्होंने लिंगमो में सिंगोल विश्वविद्यालय, आयुष केंद्र की स्थापना, रामधाम को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने, नदी तट विकास कार्य तथा माखा प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र के उन्नयन की भी घोषणा की।
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