गंगटोक : जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के समन्वय एवं निगरानी की दिशा में गंगटोक डीसी तुषार निखारे ने आज डीएसी सभागार में एक बैठक की। इसमें एडीसी सिसुम वांगचुक भूटिया, सहायक कलेक्टर भावेश ख्यालिया, जिला योजना अधिकारी, जिला पंचायत सोनम ग्याछो भूटिया, पंचायत अध्यक्ष, बीडीओ और अन्य विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया।
इस दौरान, जिला पंचायत डीई श्रीमती शांति राई ने राकदोंग-तिनतेक, रांका, रुम्तेक-मार्तम, खामदोंग-सिंगताम और नांदोक क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के कार्यों की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी। इसमें देरी के कारणों और परियोजना के निष्पादन के दौरान आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने आगे स्थिरता का समर्थन करने के लिए 15वें वित्त आयोग के धन के जलापूर्ति और स्वच्छता घटकों को मिशन योजनाओं के साथ जोडऩे का सुझाव दिया। साथ ही, उन्होंने शैक्षिक एवं बाल देखभाल संस्थानों में मिशन कवरेज पर भी प्रकाश डाला।
वहीं, बैठक में विशेषज्ञ शुल्क और परिवहन खर्च सहित लागत वृद्धि पर भी चर्चा हुई। जिला कलेक्टर ने कहा कि जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं के तहत भौगोलिक बाधाओं, मुश्किल इलाकों या ज़्यादा परिवहन लागत वाले क्षेत्रों का जिक्र किया और सुझाव दिया कि ऐसी अतिरिक्त लागतों के प्रस्ताव उचित कारण के साथ रिकमेंड किए जा सकते हैं। वहीं, प्रोजेक्ट में देरी और अधूरी चीजों को स्वीकार करते हुए उन्होंने हर कंपोनेंट के लिए बार-बार फंड मांगने के खिलाफ चेतावनी भी दी।
इसके साथ ही डीसी ने जल जीवन मिशन के तहत सभी लंबित कामों को पूरा करने के लिए एक सख्त डेडलाइन जारी करते हुए सभी संबंधित विभागों को आगामी 26 जनवरी तक पूरा काम सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तारीख के बाद जल जीवन मिशन पर कोई और पुनर्मूल्यांकन नहीं किया जाएगा और योजना को बंद मान लिया जाएगा। उन्होंने आगे सभी जीपीयू को ऑपरेशन और मेंटेनेंस शुल्क तय करने वाले प्रस्ताव पास करने का निर्देश भी दिया, जिसकी कॉपी संबंधित बीडीओ और गंगटोक डीसी ऑफिस में जमा करनी होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी में चर्चा सिर्फ इसी पर होगी।
इसी तरह, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की जिला समन्वयक अंजना राई ने स्वच्छता पर एक रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि 2023 में, गंगटोक जिले के सभी 50 गांवों को ओडीएफ प्लस मॉडल गांव घोषित किया गया, जिससे ठोस और तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था के साथ पूरी कवरेज सुनिश्चित हुई। उन्होंने एसबीएम-जी के तहत चरण-1 और 2 के दौरान सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण पर भी प्रकाश डाला।
वहीं, प्रस्तुति का मूल्यांकन करते हुए, जिला कलेक्टर ने सभी 77 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों को जनवरी 2026 के अंत तक पूरी तरह से चालू कर दिये जाने का निर्देश दिया, जिसमें मुख्य राजमार्गों पर स्थित परिसरों पर विशेष जोर दिया जाए।
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