गंगटोक : 11वीं सिक्किम विधानसभा का तीसरा सत्र आज विधानसभा में अध्यक्ष मिंग्मा नोरबू शेरपा की अध्यक्षता में शुरू हुआ। सत्र की शुरुआत में पूर्व विधानसभा सदस्य आथुप लेप्चा के निधन पर स्पीकर, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और मंत्री पिंछो नामग्याल लेप्चा ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए सदन में दो मिनट का मौन रखा गया।
इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई जिसमें आठ बिल पास किए गए। इनमें सिक्किम गुड्स एंड सर्विसेज (अमेंडमेंट) बिल, सिक्किम लैंड रेवेन्यू बिल, सिक्किम सीवरेज एवं सीवेज डिस्पोजल बिल, सिक्किम वाटर सप्लाई एवं वाटर चार्ज बिल, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) सिक्किम बिल, सिक्किम मोटर वाहन (संशोधन) बिल, सिक्किम टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (अमेंडमेंट) बिल और सिक्किम प्राइवेट यूनिवर्सिटीज (एस्टैब्लिशमेंट एंड रेगुलेशन) बिल शामिल हैं।
सिक्किम गुड्स एंड सर्विसेज (अमेंडमेंट) बिल को मुख्यमंत्री सह वित्त विभाग के प्रभारी प्रेम सिंह तमांग ने पेश किया। उन्होंने बताया कि सिक्किम गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स एक्ट को जुलाई 2017 से लागू किया गया था। टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन को असरदार बनाने और टैक्स कम्प्लायंस को आसान बनाने के लिए इसमें 2018, 2020, 2022 और 2023 में बदलाव किये गये थे। हालांकि, टैक्स सुधार के लिए और मुख्य रूप से इन चीज़ों के लिए एक्ट के कुछ नियमों में और बदलाव करना जरूरी था।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन प्रभारी प्रेम सिंह तमांग ने सिक्किम लैंड रेवेन्यू बिल और सिक्किम मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट) बिल भी पेश किया। उन्होंने बताया कि सिक्किम लैंड रेवेन्यू एक्ट, 2025 का मकसद ज़मीन के सर्वे और सेटलमेंट, ज़मीनों के क्लासिफिकेशन, लैंड रेवेन्यू के असेसमेंट और कलेक्शन, लैंड रिकॉर्ड का डिजिटल मेंटेनेंस, सरकारी और कम्युनिटी ज़मीनों का मैनेजमेंट, और रेवेन्यू से जुड़े झगड़ों के फैसले के लिए रेवेन्यू कोर्ट बनाने के लिए एक मज़बूत कानूनी ढांचा देना है। प्रस्तावित कानून का मकसद ट्रांसपेरेंसी पक्का करना भी है, डिजिटाइजेशन, प्रोसिजरल कोडिफिकेशन और रेवेन्यू विवादों के सही और जल्दी समाधान के लिए खास सिस्टम बनाने के ज़रिए लैंड रेवेन्यू सिस्टम में जवाबदेही और पहुंच को बेहतर बनाया जाएगा।
वहीं, सिक्किम मोटर व्हीकल्स (अमेंडमेंट) बिल के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि सिक्किम में बनाई गई कमेटी ने सिक्किम मोटर वाहन एक्ट, 1957 में एक ऐसे नियम की पहचान की, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक बदलाव करने की जरूरत है। इसलिए, राज्य सरकार उस कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक सिक्किम मोटर व्हीकल एक्ट के शेड्यूल-2 में मौजूद भेदभाव वाले नियम को हटाने का निर्णय लिया है।
इसके बाद, राज्य के पीएचई मंत्री सोनम लामा ने सिक्किम सीवरेज एवं सीवेज डिस्पोजल बिल और सिक्किम वाटर सप्लाई और वाटर चार्ज बिल पेश किया। उन्होंने कहा कि सिक्किम सीवरेज एवं सीवेज डिस्पोजल बिल का मुख्य उद्देश्य बेहतर शहरी सफाई और गंदे पानी के मैनेजमेंट के लिए पूरे सिक्किम राज्य में एक असरदार, टिकाऊ सीवरेज और सीवेज डिस्पोजल सिस्टम स्थापित करना है। इसी तरह, सिक्किम वाटर सप्लाई एवं वाटर चार्ज बिल के संबंध में उन्होंने बताया कि का मुख्य मकसद हर व्यक्ति को पीने और घरेलू ज़रूरतों के लिए सुरक्षित पानी देना है। बढ़ती आबादी और बढ़ती मांग के साथ लोगों को पीने के पानी का सही बंटवारा करने की जरूरत है।
सदन में, सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री और सदन के नेता ने हाई-लेवल कमेटी के सदस्यों की हर छूटे हुए समुदाय पर एक पूरी रिपोर्ट तैयार करने में उनके बड़े और ज्ञान से किए गए काम के लिए दिल से तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिक्किम स्टेट हाई-लेवल कमेटी की फ़ाइनल रिपोर्ट एक सख्त और पूरा डॉक्यूमेंट है, जिसे बड़े पैमाने पर फ़ील्ड रिसर्च, कम्युनिटी-लेवल कंसल्टेशन और अलग-अलग संस्थानों के विद्वानों और प्रैक्टिशनर्स से मिले एक्सपर्ट इनपुट के जरिए तैयार किया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि रिपोर्ट में न केवल बारह छूटे हुए आदिवासी समुदायों के एथनोग्राफिक प्रोफ़ाइल की डिटेल दी गई है, बल्कि उनके उत्पत्ति की जगहों के बारे में भी जानकारी दी है। सिक्किम के खास इतिहास, उसके पहाड़ी बॉर्डर वाले इलाकों और राज्य के भारतीय संघ में विलय के बाद से राष्ट्रीय सुरक्षा, शांति और स्थिरता में सिक्किमी समुदायों के लंबे समय से चले आ रहे योगदान के बड़े संदर्भ में उन्हें शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट “सिक्किमी” शब्द का सार दिखाती है और छोग्याल काल के दौरान और संविधान के आर्टिकल 371एफ के खास प्रावधानों के तहत पहचानी गई ऐतिहासिक आदिवासी पहचान को मानती है।
राज्य सरकार के वादे को दोहराते हुए, मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि इस तरह की डिटेल्ड, सबूतों पर आधारित रिपोर्ट भारत के रजिस्ट्रार जनरल और भारत सरकार द्वारा विचार के लिए मजबूत और पर्याप्त आधार देगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इसकी तारीफ होगी। सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा में मंत्री एनबी दहाल, अरुण उप्रेती एवं राजू बस्नेत और विधायक लोकनाथ शर्मा ने भी हिस्सा लिया। इसके बाद, मुख्यमंत्री सह वित्त प्रभारी ऑडिट रिपोर्ट पेश कीं। उन्होंने ऑडिट रिपोर्ट और सालाना रिपोर्ट पेश करने में मदद के लिए अलग-अलग विभागों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की तारीफ की।
वहीं, अध्यक्ष मिंग्मा नोरबू शेरपा ने दिन के काम में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री, डिप्टी स्पीकर, मंत्रियों और सदन के सदस्यों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने बताया कि सदन ने सेशन के लिए लिस्टेड बिल और सरकारी प्रस्ताव पास करना पूरा कर लिया है।
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