अगर 2024 की मतदाता सूची अवैध तो सरकार भी अवैध : ममता बनर्जी

ठाकुरनगर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य में मतदाता सूची को लेकर चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में नॉर्थ 24 परगना जिले के बनगांव के चांदपारा से मतुआ के गढ़ ठाकुरनगर तक तीन किमी का मार्च निकाला।

वहीं तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि यह जुलूस, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास बनगांव शहर में एसआईआर के खिलाफ एक रैली को संबोधित करने के बाद निकाला, ठाकुरनगर के ढाकुरिया स्कूल में खत्म होगा। बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस जुलूस-प्रदर्शन की अगुवाई कर रही थीं, जिसमें शामिल लोग नीले और सफेद गुब्बारे लिए हुए थे, तृणमूल कांग्रेस के झंडे लहरा रहे थे और एसआईआर के खिलाफ नारे लगा रहे थे।

वहीं इस मार्च के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा, डरने की कोई बात नहीं है। नरेंद्र मोदी खुद 2024 की वोटर लिस्ट से चुने गए थे। अगर उस लिस्ट को अब अवैध कहा जा रहा है, तो उनकी सरकार भी अवैध हो जाती है। वे धर्म का कार्ड खेल रहे हैं, वे नागरिकता बेच रहे हैं, और वे एक बार फिर सीएए से आपको गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। सीएम ममता ने आगे कहा कि ‘वे आपको धोखा दे रहे हैं। आप लिख सकते हैं कि आप मतुआ समुदाय से हैं, लेकिन आपसे ऐसा लिखवाकर, वे इसे तोड़-मरोड़कर यह दिखाना चाहते हैं कि आप बांग्लादेश से आए हैं। वे यह कहानी बना रहे हैं। लेकिन डरो मत। घबराओ मत। जब तक मैं यहां हूं, मैं उन्हें आपको कभी निकालने नहीं दूंगी। सीएम ममता ने कहा, अगर बांग्लादेश ही समस्या है, तो आप मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एसआईआर क्यों कर रहे हैं? मैं भाजपा से नहीं डरती।

इस दौरान भाजपा और केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा, मैं भाजपा से कहती हूं, मेरे साथ गेम खेलने की कोशिश मत करो, क्योंकि तुम मुझसे मुकाबला नहीं कर पाओगे। जितनी चाहो एजेंसी इस्तेमाल करो, जितना चाहो पैसा खर्च करो, लोग तुम्हारा पैसा ले लेंगे और फिर भी तुम्हें वोट देने से मना कर देंगे। तुम उन्हें एक महीने के लिए पैसे दे सकते हो, लेकिन उसके बाद क्या? लोग रोजी-रोटी की सुरक्षा, डेमोक्रेसी और इज्जत चाहते हैं। जिन्होंने वोट दिया है, जो सरकारी योजनाओं के फायदे उठाते हैं, जो पीढ़ियों से यहां रहते आए हैं, तुम उन्हें मिटा नहीं सकते। जनता सरकार चुनती है, फिर भी आज सिस्टम को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। चुनाव आयोग को अब यह तय करना चाहता है कि सरकार कौन चुनेगा। एक संंस्था जिसे निष्पक्ष होना चाहिए था, उसे भाजपा कमीशन बना दिया गया है।

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ट्रेन, प्लेन, बॉर्डर का ध्यान सेंट्रल एजेंसियां रखती हैं। पासपोर्ट, कस्टम और एक्साइज, सबका ध्यान केंद्र सरकार रखती है। और हमने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशियों की घुसपैठ कैसे कराई?… उन्होंने आगे कहा, बिहार में चुनाव हुए। बिहार के विपक्षी नेता ‘बेचारे’ थे; वे भाजपा का खेल नहीं समझ पाए। हम उनका खेल समझते हैं, और हम बंगाल में उनका खेल सफल नहीं होने देंगे। अगर उन्होंने बंगाल को छूने की कोशिश की, तो हम पूरे देश को हिला देंगे।

चुनाव आयोग (ईसीआई) ने पश्चिम बंगाल समेत देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची की शुद्धता के लिए एसआईआर शुरू की है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन एसआईआर को लेकर राज्य की सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है।

निर्वाचन आयोग ने 27 अक्तूबर को 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों की शुद्धि का अभ्यास शुरू करने का एलान किया था। आयोग ने इसे एसआईआर का फेज-दो बताया है (बिहार में हुए एसआईआर को फेज-1 बताया गया था)। बता दें कि एसआईआर का दूसरा चरण 4 नवंबर को शुरू हुआ और 4 दिसंबर तक चलेगा। एसआईआर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी। एसआईआर का दूसरा चरण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल कराया जा रहा है।

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