आर्थिक स्थिरता में प्रमुख भूमिका निभा रही है सहकारी संस्थाएं : बीबी छेत्री

पाकिम : 72वां अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह आज पाकिम ज़िले में उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस वर्ष का राष्ट्रीय थीम कॉपरेटिव एस व्हीकल्स फॉर आत्म निर्भर भारत रहा, जबकि उप-थीम पर्यटन, स्वास्थ्य, ग्रीन एनर्जी, प्लेटफ़ॉर्म कोऑप्स, किचन कोऑप्स आदि उभरते क्षेत्रों में सहकारिता के विस्तार पर केंद्रित रहा।

कार्यक्रम का आयोजन सिक्किम स्टेट कोऑपरेटिव यूनियन एवं सहयोग विभाग, पाकिम के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सीबीआई से कम्युनिटी हॉल, पाकिम तक निकाली गई सहकारी रैली से हुई। इसका शुभारंभ जिला अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि श्रीमती लाडेन ल्हमू भूटिया ने हरी झंडी दिखाकर किया। इसके उपरांत कम्युनिटी हॉल में औपचारिक कार्यक्रम का आरंभ सहकारी ध्वज वंदन से हुआ।

पंचायती राज के चेयरमैन बीबी छेत्री ने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि सहकारी संस्थाएं आज आर्थिक स्थिरता, स्थानीय रोजगार सृजन, कृषि एवं सहायक क्षेत्रों को मजबूती देने तथा ग्रामीण परिवारों को सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। एसआईसीयूएन के उपाध्यक्ष एवं पशुपालन विभाग के ओएसडी पूर्ण प्रसाद शर्मा ने राज्यभर के सहकारी समितियों के प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और कौशल विकास में एसआईसीयूएन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादकों के लिए लागू दूध मूल्य सहायता योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत किसानों को प्रति लीटर दूध पर आठ रुपये का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पोल्ट्री और सब्ज़ी उत्पादन क्षेत्रों में भी सहकारी मॉडल को विकसित कर बड़े पैमाने पर आजीविका के अवसर सृजित किए जा सकते हैं।

अतिरिक्त रजिस्ट्रार केसांग यांकी ने बताया कि वर्तमान में पाकिम जिले में 590 पंजीकृत सहकारी समितियां हैं, जिनमें 14,361 परिवार सदस्यता लिए हुए हैं। उन्होंने पीएसीएस द्वारा संचालित उपभोक्ता सेवाएं, ऋण सुविधा, कॉमन सर्विस सेंटर, खाद एवं बायो-फर्टिलाइज़र आपूर्ति और डेयरी संचालन जैसी गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कोविड अवधि एवं ग्लोफ घटना के दौरान पीएसीएस द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को भी याद किया। इसके साथ ही उन्होंने जैविक स्वाद ब्रांड के तहत पदमचे की शहद एवं हल्दी तथा असम लिंग्ज़े की गोबर खाद जैसे उत्पादों के लॉन्च का उल्लेख किया।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में मंत्रालय के गठन के बाद पीएसीएस का कंप्यूटरीकरण प्रारंभ किया गया और पाकिम राज्य का पहला ऐसा जिला बना जहां सभी समितियों को ई-पैक्स घोषित किया गया। उन्होंने मई 2025 में पदमचे में प्रथम ग्रामीण मार्ट तथा जिले में प्रथम जन औषधि केंद्रों के उद्घाटन की भी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बताया कि पाकिम में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत नौ प्रधानमंत्री वन धन विकास केंद्र संचालित हो रहे हैं।

एसआईसीयूएन के सीईओ फाडुंग भूटिया ने सहकारिता सप्ताह के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गांव स्तर पर सहकारी समितियों को सशक्त करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने लूइंग एमपीसीएस का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे समिति ने अपने संसाधनों का सही उपयोग कर प्रदर्शन में सुधार किया और केसीसी ऋण लेकर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए।

कार्यक्रम में सहकारिता विभाग, पाकिम की उप निबंधक श्रीमती रंजन अधिकारी ने राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर का संदेश पढ़ा। रंगली की उप निबंधक सुश्री नरिमिंग लेप्चा ने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग का संदेश और वरिष्ठ लेखाधिकारी श्रीमती निरुलता छेत्री ने सहकारिता मंत्री अरुण उप्रेती का संदेश पढ़ा। कार्यक्रम में नामचेबुंग के विधायक के ओएसडी हरी रिजाल, एसआईसीयूएन बोर्ड सदस्य, सहकारिता विभाग के अधिकारी, दुग्ध सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, अध्यक्ष, प्रबंधक एवं विभिन्न हितधारक उपस्थित रहे।

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