दार्जिलिंग : गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के प्रमुख कार्यपाल अनित थापा (Anit Thapa) ने रविवार को लोअर सिटोंग में एक नई सड़क का शिलान्यास करते हुए स्थानीय लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अतीत के अधूरे वादों की आलोचना की और मताधिकार और स्थानीय विकास के बीच संबंध पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्षों से लोग सड़क बनाने के लिए वोट देते रहे हैं, लेकिन सड़कें नहीं बनीं। आज यहां एक लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हो रही है। जिन गांवों में ग्रामीणों ने वोट नहीं दिया, वहां भी सड़कें बन रही हैं, यह इतिहास है। उन्होंने कहा कि सड़क नहीं, तो वोट नहीं आंदोलन के कारण मतदाताओं ने अपने अधिकार खो दिए हैं और आगामी चुनावों में सोच-समझकर मतदान करने का आग्रह किया।
थापा ने कहा, जब चुनाव आते हैं, तो हर कोई जाति और भावनात्मक मुद्दों, ज़मीन की बात करता है, लेकिन सड़कों को भूल जाता है। मैं अपनी राय रखता हूं, अगर लोगों को मेरा काम पसंद आता है, तो वे वोट देते हैं, अगर नहीं, तो नहीं देते। मैं किसी की चापलूसी या उकसावे से राजनीति नहीं करता।
जीटीए प्रमुख ने गोरखाओं के राजनीतिक अधिकारों और क्षेत्रीय राजनीति पर ज़ोर देते हुए कहा कि सुभाष घीसिंग ने गोरखाओं को उनकी पहचान वापस की थी। अब, क्षेत्रीय ताकतों को उसकी की रक्षा करनी चाहिए। हमारी राजनीतिक लड़ाई क्षेत्रीय दलों के बीच होनी चाहिए, राष्ट्रीय दलों को लाने की लड़ाई में हमारी आवाज़ें दबा दी जाएगी।
थापा ने स्पष्ट किया कि भले ही वह तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन बीजीपीएम पार्टी क्षेत्रीय पहचान और राजनीतिक सुरक्षा के लिए स्थानीय और विधानसभा चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी। उन्होंने कहा, हमने जीटीए और पंचायत चुनाव अपने चिन्ह पर लड़े,बाकी सभी दल एकजुट होकर हमारे खिलाफ खड़े हो गए।
उन्होंने कहा कि पहाड़ के राजनैतिक नेताओं को यह समझना चाहिए कि उन्हें गोरखाओं को राजनीतिक सुरक्षा प्रदान करनी होगी, अन्यथा भविष्य में भावी पीढ़ी के लिए मुश्किलें खड़ी होगी। हमारी लड़ाई हमारे भीतर होनी चाहिए। मेरी राजनीति हमारी (क्षेत्रीय )राजनीतिक सुरक्षा के लिए होगी और मैं हर चुनाव अपने चुनाव चिह्न पर लडूंगा। राष्ट्रीय चुनाव हमारे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता,लेकिन हम क्षेत्रीय चुनाव अपने चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे।
हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में उन्होंने केन्द्र से आये नेताओं के व्यवहार पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली से आये मंत्री चाय पीकर लौट गए,लेकिन मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए आवास से लेकर रोज़गार तक की व्यवस्था करने का कार्य किया। उन्होंनें लोगों से आग्रह किया कि चुनाव आ रहा है। मुझे नहीं,बल्कि अपने गांव व विकास के लिए वोट दें।
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