पाकिम : सामाजिक कल्याण विभाग, सिक्किम सरकार द्वारा आज असम लिंग्जी स्थित जनजातीय अनुसंधान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र में जनजातीय गौरव दिवस समारोह 2025 भव्य रूप से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को समर्पित था। इस अवसर पर जल संसाधन, पीएचई एवं धार्मिक कार्य विभाग के मंत्री वेन सोनम लामा (Sonam Lama) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में मंत्री सोनम लामा ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस देश के लिए ऐतिहासिक महत्व का दिन है, जब हम धरती आबा बिरसा मुंडा की अदम्य विरासत का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय केवल संस्कृति के संरक्षक नहीं, बल्कि सद्भाव, स्थिरता और प्रकृति के वास्तविक निर्माता हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जनजातीय भाषाओं और विरासत संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए पारंपरिक परिधानों को प्रोत्साहन देने के निर्णय की सराहना की। मंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे बिरसा मुंडा के आदर्शों गौरव, सम्मान, दृढ़ता और अवसर की खोज को अपनाएं तथा नव लॉन्च किए गए तमांग शब्दकोश और अन्य पहलों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
सामाजिक कल्याण विभाग की सचिव श्रीमती सरिका प्रधान ने समारोह की पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए बिरसा मुंडा के संघर्ष, उपलब्धियों तथा जनजातीय अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सिक्किम लेपचा, भूटिया, शेरपा, लिम्बू और तमांग सहित विविध समुदायों का घर है, और ये समुदाय राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाते हैं। सचिव ने बताया कि राज्य सरकार कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और भाषा संरक्षण के माध्यम से जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 1 से 15 नवंबर तक मनाया गया जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा आज संपन्न हुआ।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय के उप सचिव अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती केवल एक स्मरण नहीं, बल्कि पूरे देश में गौरव का उत्सव है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री जुअल ओराम और राज्य मंत्री दुर्गादास उइके के नेतृत्व में इस वर्ष जनजातीय गौरव वर्ष पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। उन्होंने गुजरात से ओडिशा तक आयोजित जनजातीय कार्यक्रमों, सांस्कृतिक प्रदर्शनी और यात्राओं का उल्लेख करते हुए कहा कि देश समावेशी एवं सतत विकास की दिशा में प्रतिबद्ध है।
कार्यक्रम में दो महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन किया गया, जिसमें तमांग शब्दकोश (तमांग भाषा विकास समिति, सिक्किम तमांग बौद्धिस्ट एसोसिएशन) और सिक्किम की जनजातीय विरासत पर शोध दस्तावेज (डॉ सांगे डिकी भूटिया) शामिल है। भूटिया संस्कृति और भाषा के संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु डिजिटल संसाधनों का शुभारंभ किया गया, भूटिया जनजाति के लिए वेबसाइट एवं ई-लर्निंग ऐप्स और भूटिया भाषा लिपि के कंप्यूटरीकरण हेतु नवीन फॉन्ट है। नया मोबाइल ऐप इंटरैक्टिव लेसन, ऑडियो सामग्री और भूटिया-अंग्रेजी शब्दकोश जैसी सुविधाएं प्रदान करता है, जो एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।समारोह में शेरपा समुदाय की परंपरा पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। साथ ही मंगन के आदि कर्मी योगियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
छात्रों द्वारा ईएमआरएस गैंगेप और ईएमआरएस पारखा के मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में प्रिमिटिव ट्राइब वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन छेवांग नोरबू लेप्चा, अनुसूचित जाति कल्याण बोर्ड के चेयरमैन शेखर सेवा, सिक्किम भूमि उपयोग एवं पर्यावरण बोर्ड के सलाहकार सांगे शेरपा, सामाजिक कल्याण विभाग के विशेष सचिव सुमन गुरूंग, अतिरिक्त सचिव सुश्री बंदना छेत्री सहित विभिन्न स्कूलों के शिक्षक व छात्र उपस्थित रहे।
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