सूचना रोकना भविष्य के साथ अन्याय : कपिल सिब्बल

नई दिल्ली । राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने शनिवार को कहा कि सूचना किसी भी सभ्यता की प्रगति की आधारशिला है और इसके अभाव में समाज आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती विश्वसनीय और प्रासंगिक डाटा तक पहुंच की है। सिब्बल ने यह टिप्पणी अपने ऑनलाइन शो ‘दिल से विद कपिल सिब्बल’ के 100वें एपिसोड के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में की।

सिब्बल ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि किसी भी सरकार के पास उपलब्ध डेटा सही, प्रमाणिक और जनता के लिए सुलभ हो। उन्होंने कहा कि जानकारी की अनुपस्थिति से संवाद समाप्त हो जाता है और संवाद खत्म होने से प्रगति रुक जाती है। उनका कहना था कि जानकारी न मिलने से समाज ठहराव का शिकार हो जाता है और ऐसे माहौल में न चर्चा संभव होती है और न समाधान खोजे जा सकते हैं।

सिब्बल ने कहा कि आज सबसे बड़ी समस्या यह है कि “डेटा ही प्रदूषित हो चुका है।” उन्होंने कहा कि जब सही जानकारी साझा नहीं की जाती, तो समाधान ढूंढना असंभव हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इससे जूझ रही है। उनका कहना था कि अगर डेटा ही उपलब्ध न हो, तो उसका विश्लेषण कैसे होगा और जब विश्लेषण नहीं होगा, तो समाधान कहां से आएंगे।

सिब्बल ने कहा कि जो लोग जानकारी रोकते हैं, वे अपने ही भविष्य के साथ न्याय नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि डेटा तक पहुंच, उस डेटा को समझना और फिर उसे समाज तक पहुंचाना ये तीन कदम किसी भी समाधान तक पहुंचने के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने चिंता जताई कि सूचना की अनुपलब्धता के कारण कई महत्वपूर्ण मुद्दों को जनता तक सही तरीके से नहीं पहुंचाया जा रहा।

सिब्बल ने कहा कि यह समय है कि समाज इन मुद्दों पर गंभीरता से सोचे, क्योंकि इसका सीधा असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश को यह समझने की जरूरत है कि बिना डेटा के न नीति बनाई जा सकती है, न समस्याओं को समझा जा सकता है। इसलिए सरकारों को पारदर्शिता दिखानी होगी और जनता को सही, तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध करानी होगी।

अपने शो के बारे में सिब्बल ने कहा कि यह सफर दिसंबर 2023 में शुरू हुआ था और हर सप्ताह वह नए एपिसोड जारी करते रहे। उन्होंने कहा कि ‘दिल से’ समकालीन भारत के मौखिक इतिहास को दर्ज करता है। उनका कहना था कि भविष्य में जब भारत का इतिहास लिखा जाएगा, तब शायद इन एपिसोड्स के माध्यम से यह जाना जाएगा कि आज देश किन मुद्दों से जूझ रहा था और किन आवाजों को अभी भी सुने जाने की जरूरत है।

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