दार्जिलिंग : सांसद राजू बिष्ट (Raju Bista) ने कहा है कि प्रशासनिक देरी के कारण दार्जिलिंग क्षेत्र में भूस्खलन और बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत वितरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अक्टूबर को दार्जिलिंग की घटना के तुरंत बाद मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की राहत राशि स्वीकृत की थी, लेकिन यहां संबंधित निकाय ने पीड़ित परिवारों और घायलों के नामों और बैंक विवरणों की सूची नहीं भेजी है, जिससे यह स्पष्ट है कि राहत राशि मिलने में देरी हो रही है।
उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, 4 अक्टूबर की रात को लगातार बारिश के बाद आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन में कई लोगों की मौत और दर्जनों के घायल होने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष’ के माध्यम से मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50 हज़ार रुपये की राहत राशि स्वीकृत की थी। राहत की घोषणा 6 अक्टूबर को की गई थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी मिली है कि दार्जिलिंग ज़िला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के नाम, बैंक विवरण और संबंधित दस्तावेज़ जमा नहीं किए हैं, जिसके कारण राहत राशि के वितरण में देरी हो रही है।
सांसद बिष्ट ने बताया कि हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 9 अक्टूबर को ज़िला प्रशासन को आवश्यक विवरण प्रस्तुत करने के लिए लिखा था, लेकिन एक महीने बाद भी सूची उपलब्ध नहीं कराई गई है। उनका कहना है, आपदा प्रबंधन में इस तरह की प्रशासनिक देरी अस्वीकार्य है। सांसद बिष्ट ने दार्जिलिंग के नवनियुक्त ज़िलाधिकारी से अनुरोध किया है कि वे बैंक विवरण सहित राहत सूची का सत्यापन करके उसे यथाशीघ्र प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंप दें। सांसद बिष्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रशासन को राहत राशि हस्तांतरित करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि चूंकि राहत राशि स्वीकृत हो चुकी है, इसलिए बाढ़-भूस्खलन प्रभावित परिवारों को अब और इंतजार नहीं कराना चाहिए।
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