राष्ट्र की एकता का मंत्र है वंदे मातरम् : राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर

वंदे मातरम् के 150 गौरवमयी वर्षों पर राज्य स्तरीय समारोह आयोजित

गंगटोक : गंगटोक स्थित मनन केन्द्र में आज राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150वें वर्ष का महोत्सव राज्य स्तरीय स्तर पर मनाया गया। यह आयोजन राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का हिस्सा था, जिसके अंतर्गत देशभर में ‘वंदे मातरम्’ के 150वें वर्ष का उत्सव मनाया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल संदेश प्रसारित हुआ, जिसमें उन्होंने कहा, वंदे मातरम् मां भारती की साधना और आराधना है। यह वह गीत है जो 140 करोड़ भारतीयों को एकता की ऊर्जा से जोड़ता है और सभी भारत वासियों से देश की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का आह्वान किया।

इसी कड़ी में, कार्यक्रम में राज्यपाल द्वारा ‘राष्ट्र की जय चेतना का, गान वंदे मातरम्’, ‘राष्ट्रभक्ति प्रेरणा का, गान वंदे मातरम्’ का उद्घोष किया गया जिसे उपस्थित जनसमूह ने एक स्वर में दोहराया, और पूरा सभागार राष्ट्रभक्ति की भावना से गूंज उठा। इस दौरान मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों एवं संस्कृति विभाग के कलाकारों द्वारा ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन प्रस्तुत किया गया। ठीक 9:50 बजे देशभर में एक साथ राष्ट्रगीत का गायन हुआ, जिसमें सिक्किम के सभी गणमान्य अतिथियों ने खड़े होकर भाग लिया।

अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा, वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, यह भारत माता की आत्मा है। यह स्वतंत्रता संग्राम की चेतना और राष्ट्र की एकता का मंत्र है। उन्होंने इस गीत की ऐतिहासिक यात्रा को रेखांकित करते हुए बताया कि 1875 में श्री बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत जब 1896 में श्री रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा पहली बार गाया गया, तब से यह स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना और आज भी पीढ़ियों से देशभक्ति को जाग्रत कर रहा है।

राज्यपाल ने सिक्किम के स्वतंत्रता सेनानियों वंदे पोखरेल (त्रिलोचन पोखरेल) और हेलेन लेप्‍चा  (सावित्री देवी) को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने असहयोग आंदोलन और चरखा आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभाई और ‘वंदे मातरम्’ की भावना को अपने जीवन में जिया। राज्यपाल ने केंद्र सरकार द्वारा ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्षों को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के संकल्प की सराहना की और आह्वान किया कि सिक्किम के प्रत्येक विद्यालय और महाविद्यालय में इस राष्ट्रगीत को अनिवार्य रूप से गाया जाए, जिससे देशभक्ति की भावना जन-जन तक पहुंचे। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में सभी से सक्रिय भागीदारी निभाने का भी आह्वान किया।

इसके अलावा राज्यपाल ने उपस्थित जनसमूह को संकल्प दिलाया कि हम ‘वंदे मातरम्’ की भावना को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। साथ ही स्वदेशी को बढ़ावा देते हुए इसे अपने जीवन में अपनाएंगे। उन्होंने यह शपथ भी दिलाई कि हम भारत को समृद्ध, सशक्त और समावेशी राष्ट्र बनाने में योगदान देंगे, विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करेंगे, और देश की एकता व अखंडता को हर कार्य में सर्वोपरि रखेंगे।

इस कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी थापा, मंत्री श्री जीटी ढुंगेल (संस्कृति एवं स्वास्थ्य विभाग),  मंत्री श्री साम्‍दुप लेप्चा (सामाजिक कल्याण, महिला एवं बाल विकास, वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्यांगजन विभाग), सांसद श्री इंद्र हांग सुब्बा, विधायक, चेयरमैन, सलाहकार, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, विभिन्न संस्थानों के प्रमुख, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्रगण तथा आम नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों एवं संस्कृति विभाग द्वारा राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत किए गए, जिससे सभागार देशभक्ति की भावना से गूंज उठा। इसी क्रम में तपश्री डांस अकादमी द्वारा देशभक्ति नृत्य की भी प्रस्तुति दी गई।

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