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साहित्‍यकार नरबहादुर दहाल के निधन पर Pawan Chamling ने प्रकट किया शोक

गंगटोक, 09 सितम्बर । पूर्व मुख्‍यमंत्री तथा एसडीएफ अध्‍यक्ष Pawan Chamling ने वरिष्ठ साहित्यकार श्री नर बहादुर दहाल के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्‍हेांने कहा कि उनका निधन नेपाली साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। युवावस्था से ही साहित्य सृजन, संपादन और साहित्यिक-राजनीतिक सांगठनिक गतिविधियों में संलग्न और सक्रिय रहकर उन्होंने नेपाली भाषा-साहित्य और सामाजिक उत्थान में अतुल्य योगदान दिया है। वे जीवनपर्यंत साहित्यिक-सांस्कृतिक सृजनात्मकता एवं सामाजिक निर्माण में सजग, सजग एवं सक्रिय रहे।

Pawan Chamling ने कहा कि नर बहादुर दहाल एक सच्चे साहित्यिक व रचनाकार थे जिन्होंने कविताएं, कहानियां, उपन्यास और जीवनियां लिखकर नेपाली समाज में योगदान दिया। उन्‍होंने कहा कि सत्तर के दशक से साहित्यिक कार्यों के संदर्भ में मेरा उनसे व्यक्तिगत संपर्क रहा है। इस अवधि में मैंने उन्हें सदैव, हर स्थिति में, साहित्य सृजन और साहित्यिक विकास के अध्ययन में संलग्न पाया। उन्‍होंने कहा कि 1950 के दशक में कविताओं के एक संग्रह (उन्‍माद, 1958) के प्रकाशन के बाद से उनकी साहित्यिक सक्रियता और रचनात्मकता जारी रही। वरपिपल कथासंग्रह (1960), मध्यरत्को तारा (उपन्यास, 1965), तिम्रो‍ पिरती नै मेरो गीत (कविता संग्रह, 1970) जैसी रचनाएं देकर उन्होंने नेपाली साहित्य के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है। उनके द्वारा लिखित पुजारी गंगा प्रसाद प्रधान, डंबरसिंह गुरुंग और कवि नरेंद्र प्रसाद कुमाई की जीवनियां हमारे साहित्य/समाज की निधि हैं।

श्री चामलिंग ने कहा कि भारतीय नेपाली समाज के सांस्कृतिक एवं राजनीतिक जागरण एवं विकास में भी उनका स्मरणीय योगदान है। उनका जीवन और कार्य नेपाली समाज को सदैव प्रेरणा और शक्ति देते रहेंगे। साहित्यिक रचना, कृतियों का संग्रह, संपादन, मुद्रण, समाचार-पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन, विक्रय एवं वितरण आदि सभी क्षेत्रों में वे सजग एवं सक्रिय थे। सदैव विनम्र रहने वाले श्री दहाल का जीवन रचनात्मकता और समाज सेवा की भावना से भरपूर था। निर्माण प्रकाशन की ओर से हमने उनके योगदान का मूल्यांकन और सराहना करने का भी कुछ प्रयास किया। 5 सितंबर, 1937 को कालिंपोंग में जन्मे, दहाल ने दार्जिलिंग, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न प्रांतों में संघर्षपूर्ण जीवन बिताया और 8 सितंबर, 2023 को 86 वर्ष की आयु में सिलीगुड़ी में उनका निधन हो गया। मैं प्रार्थना करता हूं कि ईश्‍वर नर बहादुर दहाल की आत्मा को शांति प्रदान करें।

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