गंगटोक : आगामी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर सिक्किम की 199 ग्राम पंचायतों के 199 व्यक्तियों को मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग गोले की पहल पर दो साल पहले शुरु किए गए श्रवण कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। इसमें प्रत्येक पुरस्कार प्राप्तकर्ता को 1 लाख रुपए की नकद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang के प्रेस सचिव यूगन तमांग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि 15 अगस्त 2023 को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पालजोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग गोले ने एक अभूतपूर्व पहल- श्रवण कुमार पुरस्कार की घोषणा की थी, जो सिक्किमी समाज की आत्मा से जुड़ी है। इसी के तहत, प्रतिवर्ष 15 अगस्त को राज्य भर की प्रत्येक ग्राम पंचायत इकाई के योग्य व्यक्तियों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस वर्ष, 199 ग्राम पंचायतों के 199 व्यक्तियों को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री गोले पालजोर स्टेडियम में गंगटोक जिले के अंतर्गत 22 जीपीयू के 22 लोगों को श्रवण कुमार पुरस्कार प्रदान करेंगे, जबकि शेष पांच जिलों-पाकिम, सोरेंग, नामची, गेजिंग और मंगन के पुरस्कार विजेताओं को उनके संबंधित जिलों में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि श्रवण कुमार पुरस्कार की स्थापना करके राज्य सरकार ने बच्चों के अपने माता-पिता के प्रति कर्तव्य मूल्य को अमर कर दिया है। यह पुरस्कार केवल प्रशंसा का प्रतीक ही नहीं, बल्कि बदलती प्राथमिकताओं के युग में आशा की किरण है, कि सच्ची प्रगति हमारे बुजुर्गों को पीछे छोडऩे में नहीं, बल्कि उनके साथ चलने और उनका सम्मान करने में निहित है। इस पहल के माध्यम से, सिक्किम न केवल करुणा के कार्यों को पुरस्कृत कर रहा है, बल्कि उन्हें विकसित भी कर रहा है, यह सुनिश्चित करते हुए कि माता-पिता के प्रति सम्मान, कृतज्ञता और सेवा के गुण आने वाली पीढय़िों के लिए भी उसके लोगों के हृदय में बने रहें। ऐसा करके, मुक्चयमंत्री तमांग के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह एक ऐसी सरकार है जो राज्य के सामाजिक ताने-बाने की परवाह करती है, उसका समर्थन करती है, उसका पोषण करती है और उसे मजबूत बनाती है।
तमांग ने बताया कि श्रवण कुमार पुरस्कार के लिए ग्रामीण विकास विभाग नोडल प्राधिकरण है, जो एक निष्पक्ष और कठोर चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। नामांकन जमीनी स्तर से शुरू होता है, जहां जीपीयू के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम सभा योग्यता और नैतिक चरित्र के आधार पर तीन योग्य उम्मीदवारों की पहचान करती है। मानदंड उन बच्चों पर विशेष जोर देते हैं जो विकलांग या 80 वर्ष से अधिक आयु के माता-पिता की देखभाल करते हैं, और इसमें शामिल अतिरिक्त त्याग और चुनौतियों को पहचानते हैं। उसके बाद, एक सूची जिला स्तरीय सत्यापन समिति को भेजती है, जिसमें अध्यक्ष/उपाध्यक्ष, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (विकास), बीडीओ और वरिष्ठ कल्याण अधिकारी एवं सदस्य होते हैं। जिला समिति प्रत्येक आवेदन की सावधानीपूर्वक जांच कर पुरस्कार विजेताओं की अंतिम सूची ग्रामीण विकास विभाग को अनुशंसित की जाती है।
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