गंगटोक : 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सिक्किम के राज्यपाल Om Prakash Mathur ने अपने संबोधन में राज्यवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कई बातों का जिक्र किया।
राज्यपाल माथुर ने स्वतंत्रता दिवस को हर भारतीय के लिए विशेष दिन बताते हुए कहा कि आज हम एक सशक्त, आत्मनिर्भर और प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ रहे हैं। इसका श्रेय केवल हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को ही नहीं, बल्कि उन वीर सशस्त्र बलों को भी जाता है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात रहकर कठिन भौगोलिक और विषम जलवायु परिस्थितियों के बावजूद राष्ट्र की रक्षा में अदम्य साहस, अनुशासन और समर्पण का परिचय दे रहे हैं। इस दौरान, हाल ही में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारे सैन्य बलों का असाधारण समर्पण हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर की अभूतपूर्व सफलता में पुन: उजागर हुआ, जब हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में इस अभियान की सटीक रणनीति और निर्णायक कार्यवाही ने पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित किया है और भारत की प्रतिष्ठा को वैश्विक मंच पर साहस और दृढ़ विश्वास के प्रतीक के रूप में ऊँचा उठाया है।
राज्यपाल ने कहा, इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस सिक्किम के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 1975 में भारतीय संघ का अभिन्न अंग बनने के उपलक्ष्य में हम पूरे वर्ष को राज्य स्थापना की स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मना रहे हैं। बीते पचास वर्षों में, भारत सरकार के निरंतर सहयोग और हमारे लोगों की अटूट प्रतिबद्धता के साथ, सिक्किम ने हर क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है और आज यह भारत के सबसे प्रगतिशील, शांतिपूर्ण तथा पर्यावरण के प्रति जागरूक राज्यों में राज्यों में से एक बनकर उभरा है।उत्तर सिक्किम की ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर दक्षिण की हरी-भरी घाटियों तक, हमारी राष्ट्रीय प्रमुख योजनाओं ने राज्य के हर कोने में विकास और परिवर्तन की नई कहानी रची है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और पीएम-किसान जैसी पहलों का जिक्र किया और कहा कि इन्होंने हमारे ग्रामीण समुदायों को सशक्त करने के साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है और प्रत्येक परिवार के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।
राज्यपाल ने कहा, आज सिक्किम इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कैसे एक हिमालयी राज्य अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुए परंपरा और आधुनिकता का संतुलन साध सकता है। साथ ही, स्थानीय प्राथमिकताओं को राष्ट्रीय दृष्टिकोण से जोड़ते हुए उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अपने भाषण राज्य में शिक्षा, ग्रामीण विकास, कृषि, पर्यटन, औद्योगिक उत्पादन, स्वच्छता एवं अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति का जिक्र किया। इसमें उन्होंने केंद्र के सहयोग से राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया।
राज्यपाल ने कहा, 1975 में भारतीय संघ का हिस्सा बनने के बाद से सिक्किम ने एक ऐसी विकास यात्रा तय की है, जो एकता, निरंतर प्रयास और हर नागरिक के उज्जवल भविष्य की साझा भावना से प्रेरित रही है। इस यात्रा के दौरान, हमने अपनी सांस्कृतिक जड़ों से प्रेरणा लेते हुए नए विचारों को अपनाया है। हमने अपनी विरासत को संजोते हुए आधुनिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इस पूरी यात्रा में भारत सरकार का निरंतर सहयोग और अटूट समर्थन हमारी सफलता की नींव रहा है।
उन्होंने कहा, आज सिक्किम एक स्वच्छ, हरित, प्रगतिशील और समावेशी राज्य के रूप में उभर रहा है, लेकिन हमारी यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है। “विकसित भारत एट 2047” की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना हमें एक ऐसे राष्ट्र और राज्य के निर्माण का आह्वान करती है, जो सशक्त, आत्मनिर्भर और सतत विकास की राह पर अग्रसर हो। हमारा लक्ष्य-“सुनहरे, समृद्ध, और समर्थ सिक्किम”-महज एक नारा नहीं, बल्कि यह हमारी उस गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो समावेशी विकास, जलवायु अनुकूलता, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और मानव कल्याण की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
माथुर ने आगे कहा, इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम नवाचार, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देकर शासन को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहरा रहे हैं। हम युवाओं में निवेश, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण रक्षा और अधोसंरचना को आधुनिक बनाने के साथ कि किसी भी नागरिक के विकास की दौड़ में पीछे न रहने की संकल्प लेंगे। हम अपनी नीतियों को “विकसित भारत” के राष्ट्रीय मिशन के अनुरूप आकार देंगे, क्योंकि हमारा विश्वास है कि सिक्किम की उन्नति भारत की समग्र प्रगति का अभिन्न हिस्सा है।
इसके साथ ही राज्यपाल ने इस स्वतंत्रता दिवस पर एक समृद्ध, समावेशी और न्यायपूर्ण भविष्य के निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता जतायी और कहा कि अपने अटूट संकल्प और साझा उद्देश्य के साथ, हम स्वतंत्रता, समानता और न्याय के मूल्यों को न केवल बनाए रखें, बल्कि उन्हें आने वाली पीढय़िों के लिए और भी मजबूत करें। उन्होंने कहा कि यह अवसर हमें एकजुट होने, विविधता लाने और राज्य तथा राष्ट्र की प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने “सुनहरे, समृद्ध, और समर्थ सिक्किम” के नारे के साथ “विकसित भारत@2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम हर कदम पर सहयोग, समर्पण और नवाचार के साथ मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
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