नामची : किसानों को विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी देने, स्थायी कृषि पद्धतियों के बढ़ावे और आवश्यक कृषि एवं बागवानी उपकरणों के वितरण हेतु जिला कृषि एवं बागवानी विभाग द्वारा बुधवार को मेल्ली डांड़ा कृषि एवं बागवानी फार्म में एक व्यापक जागरुकता एवं वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में विधायक एवं सलाहकार नर बहादुर प्रधान उपस्थित थे।
अपने संबोधन में मुख्य अतिथि ने आज की युवा पीढ़ी के धीरे-धीरे पारंपरिक कृषि पद्धतियों से दूर होने पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि युवाओं की रुचि को फिर से जगाने और उन्हें कृषि जीवन से परिचित कराने के लिए उन्होंने हाल ही में “बेथे उत्सव” नामक एक चावल रोपाई कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसे जनता ने खूब सराहा। उनके अनुसार, आने वाले वर्ष में बेथे उत्सव और भी बड़े और भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा, जिसमें छात्र, किसान और स्थानीय समुदाय समान रूप से शामिल होंगे।
इसके साथ ही, विधायक ने जनता से अपनी जमीन के प्रति अधिक जिम्मेदार और सक्रिय होने का आग्रह करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में खेती के संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सभी से विभिन्न सरकारी समर्थित योजनाओं और उपकरणों का पूर्ण और भली-भांति उपयोग करने का भी आह्वान किया। उन्होंने स्थानीय चिंताओं को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया कि एक नए जल स्रोत कनेक्शन के लिए एक योजना पर काम चल रहा है, जिससे क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि वन्यजीवों के कारण होने वाली बाड़ लगाने संबंधी समस्याओं पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और जल्द ही इसका काम शुरू किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईमानदार और कड़ी मेहनत करने वाले लोगों को सरकार का हमेशा समर्थन मिलेगा।
इसके अलावा, उन्होंने क्षेत्र में शुरू की जा रही विभिन्न कृषि पहलों और मेली डारा में नए एवोकाडो और पपीते के क्लस्टरों के विकास की सराहना करते हुए उम्मीद जतायी कि इनसे कृषक समुदाय को दीर्घकालिक लाभ होगा। इससे पहले, कार्यक्रम में विभागीय प्रस्तुतियां एवं तकनीकी सत्र आयोजित हुए। इसमें कृषि निरीक्षक एवं मेली डारा कृषि फार्म प्रभारी बंटी लामा ने फार्म की प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने उपस्थित लोगों को मेली दारा फार्म में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत एक एग्रो फॉरेस्ट्री नर्सरी की स्थापना के बारे में भी जानकारी दी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न विषयों पर अपडेट आंकड़े और प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत कीं।
वहीं, बागवानी निरीक्षक सह बागवानी फार्म प्रभारी प्रीतिका राई ने अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत नामची जिले में की गई विभिन्न बागवानी गतिविधियों का विस्तृत अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि विभाग ने 8000 पपीते के पौधे सफलतापूर्वक उगाए हैं और पूरे ज़िले में 3570 पौधे वितरित किए हैं। इसके अतिरिक्त, 2200 संतरे के पौधे किसानों के बीच वितरित किए गए हैं। उन्होंने खरीफ और रबी दोनों फसलों के लिए की गई खेती और पौध वितरण के बारे में विस्तार से बताया।
साथ ही, राई ने मेल्ली डांड़ा पैयोंग जीपीयू में नए एवोकाडो और पपीते के क्लस्टर विकसित किए जाने की जानकारी देते हुए बताया कि इसका उद्देश्य बागवानी विविधीकरण को बढ़ावा देना और किसानों के लिए आय सृजन करना है। उन्होंने क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों पर भी बात करते हुए वन्यजीवों के कारण बढ़ती फसल क्षति पर जोर दिया और उचित बाड़ लगाने की पुरज़ोर वकालत की। इसके अलावा, उन्होंने पर्याप्त सिंचाई सुनिश्चित करने और साल भर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक अतिरिक्त जल स्रोत लाइन की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम में जिला कृषि उपनिदेशक वांग्याल लेप्चा, अतिरिक्त बागवानी निदेशक एवं जिला बागवानी प्रभारी दीकेंद्र भुजेल और अतिरिक्त बागवानी निदेशक सुरेन गुरुंग ने भी अपनी प्रस्तुतियों के साथ वक्त्व्य रखा। कार्यक्रम के दौरान, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, नींबू के पौधे, एवोकाडो के पौधे, लकड़ी के मधुमक्खी के बॉक्स, सिंचाई पाइप, स्प्रेयर एवं अन्य सामग्रियां वितरित किए गए।
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