गंगटोक : उत्तर सिक्किम के मंगन जिले में आपदा की स्थिति की समीक्षा हेतु राज्य के मुख्य सचिव आर तेलंग की अध्यक्षता में आज ताशीलिंग सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई। बैठक में सड़क अवरोधों, फंसे हुए पर्यटकों को निकालने और बिजली, सड़क एवं दूरसंचार जैसी आवश्यक सेवाओं की तत्काल बहाली जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। गौरतलब है कि पिछले दिनों में लगातार बारिश, भूस्खलन और कनेक्टिविटी में व्यापक व्यवधान से मंगन जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
सिक्किम सरकार ने सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और भूमि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से 28 मई से मंगन जिले में लगातार बारिश से हुए नुकसान को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 22(2)(बी) के तहत आधिकारिक तौर पर “आपदा” घोषित किया है। यह घोषणा एसएसडीएमए के अध्यक्ष के अनुमोदन और राज्य कार्यकारी समिति की सिफारिश के बाद की गई है, जिसमें क्षेत्र में लगातार बारिश के गंभीर प्रभाव को मान्यता दी गई है।
आज की बैठक में मंगन के जिला मजिस्ट्रेट अनंत जैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस ब्रीफिंग में मुख्य सचिव को स्थिति से अवगत कराया। इस पर, जिले के डीसी और पुलिस अधीक्षक को निवासियों के साथ, विशेष रूप से निकासी समय और मार्गों के बारे में प्रभावी संचार बनाए रखने का निर्देश दिया गया। वहीं, इसमें सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों ने सडक़ों को हुई क्षति और जारी बहाली प्रयासों पर अपडेट प्रदान किया। इसे लेकर, बीआरओ को महत्वपूर्ण मार्गों को फिर से खोलने में तेजी लाने के लिए पर्याप्त मैनपावर और मशीनरी तैनात करने का निर्देश दिया गया।
इसके अलावा, बैठक में मुख्य सचिव ने आपातकालीन पहुंच की सुविधा के लिए कल एक उड़ान भेजने के लिए तत्काल प्रावधान करने का निर्देश दिया, जिसमें बचाव और राहत कार्यों में सहायता के लिए सिलीगुड़ी से चाटन तक सैटेलाइट फोन और आवश्यक उपकरणों से लैस एनडीआरएफ टीम को तैनात किया जाएगा। इसी तरह, बाधित सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने के लिए बीएसएनएल और राज्य बिजली विभाग की टीमों को भी आवश्यक उपकरणों और बैकअप बैटरियों के साथ पाकिम से लाचेन तक भेजा जाएगा। वहीं, गृह विभाग को फील्ड टीमों को संगठित कर भेजने का काम सौंपा गया है, जबकि गंगटोक के जिला मजिस्ट्रेट तुषार निखारे को सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के समन्वय में फील्ड टीमों और राज्य नियंत्रण कक्ष के बीच निरंतर स्थिति अपडेट प्रदान करने और समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
बैठक में, मुख्य सचिव ने दुर्गम क्षेत्रों में सैटेलाइट आधारित समाधानों के उपयोग सहित बिजली (पारंपरिक और मोबाइल दोनों) और दूरसंचार सेवाओं को बहाल करने को तत्काल प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने तुरंत पूर्ण कनेक्टिविटी बहाल नहीं किये जा सकने पर विभागों को मौसम की स्थिति के आधार पर पैदल मार्गों की खोज करने और हेलीपैड संचालन का मूल्यांकन करने को कहा। उन्होंने अंतर-विभागीय समन्वय के महत्व को भी रेखांकित करते हुए एसएसडीएमए सहित सभी विभागों से अपने क्षेत्र-स्तरीय इनपुट को समेकित करने और राहत कार्यों के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। साथ ही, रसद सहायता और स्थिति संबंधी अपडेट के लिए भारतीय सेना के साथ समन्वय का भी सुझाव दिया गया।
इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव ने जमीनी स्तर की जानकारी की आवश्यकता पर बल देते हुए विभागों से सड़क, बिजली और मोबाइल नेटवर्क ढांचे की स्थिति सहित वर्तमान स्थितियों का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण और प्रतिक्रिया तंत्र को सक्रिय करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी बहाली और फंसे हुए लोगों की सुरक्षित निकासी हमारा तत्काल उद्देश्य है, जिसके लिए रोडमैप को तेज किया जाना है। इसके सफल कार्यान्वयन के बाद आगे के कदमों की समीक्षा और तत्परता से कार्य किया जाएगा। बैठक में सीमा सड़क संगठन, एनडीआरएफ, सेना की 27 माउंटेन डिवीजन, एसएसडीएमए, सिक्किम ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि और विभिन्न लाइन विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
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