गंगटोक : राज्य स्तरीय कृषि प्रदर्शनी सह किसान मेला आज स्थानीय राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान (एसएएमईटीआई) परिसर में आयोजित हुआ, जिसमें राज्य के कृषि, बागवानी व पशुपालन मंत्री पूरन गुरुंग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस दौरान, सभी छह जिलों के स्वयं सहायता समूहों के स्टॉल और सम्मान समारोह आयोजित किए गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री गुरुंग ने सफल किसान मेले के आयोजन की सराहना करते हुए युवाओं से कृषि में उद्यमिता पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने डेटा संग्रह के महत्व को भी रेखांकित करते हुए कहा कि अन्य विभागों का काम भले ही दिखाई दे, लेकिन कृषि एवं बागवानी पहल का प्रभाव अमूर्त है। इसलिए, डेटा संग्रह इस समस्या का समाधान करेगा। उन्होंने कहा कि सिक्किम को पहला जैविक राज्य का दर्जा दिया जाना अपनी मार्केटिंग के लिये उपयोग करने का सबसे बेहतर तरीका है। ऐसे में, उन्होंने सिक्किम के विश्व के पहले जैविक राज्य के दर्जे का लाभ उठाते हुए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए इस अनूठी ब्रांड पहचान का विपणन करने का सुझाव दिया।
इससे पहले, गुरुंग ने किसान मेले के विभिन्न स्टॉलों पर घूमकर स्वयं सहायता समूह के सदस्यों से जैविक खेती के तरीकों के बारे में बात की और प्रतिभागियों को उनकी संबंधित गतिविधियों में प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में एसएएमईटीआई निदेशक रचना गुरुंग ने संस्थान और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) के काम पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों को भी साझा किया, जिसमें किसान छात्रावास का उद्घाटन, किसान कॉल सेंटर और गुवाहाटी में महिला किसान दिवस के दौरान दो सिक्किमी महिलाओं का सम्मान शामिल है। उल्लेखनीय है कि संस्थान ने 2024-25 के दौरान दो प्रशिक्षण शिविरों में लगभग 10000 लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया है।
वहीं, कार्यक्रम में एक सम्मान समारोह में छह किसानों, छह एसएचजी और योग्य कर्मचारियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के तहत सोफड़ा सीईओ एस. अनबालागन, प्रधान बागवानी निदेशक छिरिंग थेंडुप भूटिया, प्रधान कृषि निदेशक सुमन कुमार शर्मा एवं राजेंद्र थापा सहित सभी जिलों के किसान, एसएचजी सदस्य एवं अन्य उपस्थित थे।
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