आइजोल, 06 सितम्बर (एजेन्सी)। मणिपुर के 10 कुकी विधायकों, नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) और राज्य के पहाड़ी इलाकों के संचालन निलंबन (एसओओ) समूहों ने बुधवार को यहां मिजोरम के मुख्यमंत्री Zoramthanga से मुलाकात की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जोरमथंगा ने कहा कि वह मणिपुर में हिंसा के कारण लोगों की पीड़ा से बहुत आहत हैं।
उन्होंने बताया कि जोरामथंगा ने कहा कि मिजोरम के लोग अपने भाइयों और बहनों की मदद करने के लिए तैयार हैं और भविष्य की कार्रवाई विभिन्न संगठनों और जनता के परामर्श से की जानी चाहिए।
अधिकारियों ने बताया कि बैठक में मंत्री, विधायक, मिजो पीपुल्स कन्वेंशन, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन, हमार इनपुई, कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी, जोमी काउंसिल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
मणिपुर के पहाड़ी जिलों के कुकी विधायक एसओओ समूहों और कुकी सीएसओ के साथ मिलकर पूर्वोत्तर राज्य में तीन मई से जातीय हिंसा भड़कने के बाद से एक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं।
मणिपुर मई में उच्च न्यायालय के उस आदेश को लेकर हिंसा के भंवर में फंस गया था, जिसमें राज्य सरकार को गैर आदिवासी मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने पर विचार करने का निर्देश दिया गया था।
इस आदेश के कारण बड़े पैमाने पर जातीय संघर्ष हुए। राज्य में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। हिंसक झड़पें तब शुरू हुईं, जब बहुसंख्यक मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था।
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