मंगन : जिले के सभी आईसीडीएस केंद्रों और अन्य स्थानों पर विगत 8 अप्रैल से शुरू 7वें पोषण पखवाड़े का आज यहां समारोहपूर्वक समापान हो गया।
पखवाड़े भर चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य राज्य और जिला स्तर पर आयोजित विभिन्न प्रभावशाली गतिविधियों के माध्यम से आवश्यक पोषण प्रथाओं को बढ़ावा देना, सामुदायिक भागीदारी, क्षमता निर्माण और जागरूकता पैदा करना था। इस वर्ष अभियान के चार विषय थे जिनमें जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान, पोषण ट्रैकर में लाभार्थी मॉड्यूल को बढ़ावा देना, बच्चों में मोटापा दूर करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली और सीएमएएम मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण प्रबंधन शामिल रहे।
सिंघिक आईसीडीएस में आयोजित समापन समारोह में उप निदेशक सह चुंगथांग सीडीपीओ सोनम ल्हाडेन लाचुंगपा के अलावा बड़ी संख्या में उत्साही माताओं और आईसीडीएस कर्मचारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सीडीपीओ ने अभियान के दौरान की गई पहलों का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया, जिसमें प्रत्येक विषयगत गतिविधि की पहुंच, प्रभाव और मुख्य विशेषताएं प्रदर्शित की गईं। उन्होंने कुपोषण से निपटने में निरंतर प्रयासों के महत्व को दोहराते हुए अभियान के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और सामुदायिक स्वयंसेवकों के समर्पण की सराहना की।
सीडीपीओ लाचुंग्पा ने पोषण जागरुकता में पुरुषों को शामिल करने के महत्व पर भी जोर देते हुए इसे एक सामूहिक जिम्मेदारी बताया। उन्होंने बच्चों को पौष्टिक भोजन विकल्पों से परिचित कराने के लिए आईसीडीएस केंद्रों में सप्ताह में कम से कम एक बार मिलेट आधारित भोजन शामिल करने की सिफारिश की और परिवारों को घर पर भी ऐसी प्रथाओं को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही, उन्होंने समग्र बाल विकास का समर्थन करने के लिए घर पर “सौंदर्य उद्यान” के विकास को भी प्रोत्साहित किया।
इस दौरान, सभी प्रतिभागियों ने पूरे वर्ष पोषण अभियान के उद्देश्यों को बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रतिज्ञा ली। समापन समारोह में पखवाड़े के दौरान प्रतिबद्धता और प्रभावशाली योगदान के लिए उत्कृष्ट आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन पोषण निरीक्षक पेम छिरिंग तमांग के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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