पाकिम : पोषण पखवाड़ा 2025 समारोह मंगलवार को रंगपो माझिगांव एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) केंद्र में पोषण शपथ के साथ शुरू हुआ, जिसका उद्देश्य बच्चों, माताओं और समुदाय के बीच पोषण, स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में जागरुकता बढ़ाना है। कार्यक्रम के दौरान कई प्रमुख वक्ताओं और संसाधन व्यक्तियों ने पोषण और बाल विकास के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
रंगपो पीएचसी के स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र के स्वास्थ्य शिक्षक श्री दिनेश शंकर ने बच्चों में कुपोषण की गंभीर समस्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसके मूल कारणों पर चर्चा की, जैसे अपर्याप्त आहार सेवन, खराब स्वच्छता और जागरूकता की कमी और संतुलित आहार, केवल स्तनपान और समय पर दूध छुड़ाने की प्रथाओं सहित निवारक रणनीतियों पर जोर दिया। स्वास्थ्य परामर्शदाता सत्यदीप कोयराला ने बच्चों में बढ़ते मोटापे पर बात की।
उन्होंने बच्चों में स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि, स्क्रीन समय में कमी और जंक फूड से परहेज सहित स्वस्थ जीवन शैली विकल्पों के महत्व पर जोर दिया। रंगपो पीएचसी के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी गोपाल धाक ने बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने में टीकाकरण की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि समय पर टीकाकरण न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य में योगदान देता है, बल्कि प्रकोप को रोककर सार्वजनिक स्वास्थ्य में भी योगदान देता है। रंगपो के क्षेत्रीय पर्यवेक्षक ने जीवन के प्रथम 1000 दिनों के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की-गर्भधारण से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक। इस अवधि को पर्याप्त पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और पोषण देखभाल के माध्यम से इष्टतम शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास सुनिश्चित करने के लिए एक स्वर्णिम अवसर माना जाता है।
राष्ट्रीय अभियान के एक भाग के रूप में पोषण पखवाड़ा, जो 8 से 22 अप्रैल 2025 तक मनाया जाएगा, का उद्देश्य कुपोषण को समाप्त करना, स्वस्थ खान-पान की आदतों को बढ़ावा देना और जमीनी स्तर पर सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष का विषय स्वास्थ्य परिणामों में निरंतर सुधार लाने के लिए सामुदायिक भागीदारी और जागरुकता निर्माण पर केंद्रित है। इस अवसर पर पाकिम ग्रामीण आईसीडीएस परियोजना के उप निदेशक ने परियोजना के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) में योजनाबद्ध रणनीतिक पहलों की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इन पहलों में जागरुकता सत्र, स्वास्थ्य जांच, पोषण परामर्श, व्यंजनों का प्रदर्शन तथा स्थानीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करने के लिए माता-शिशु संपर्क गतिविधियां शामिल हैं। इस कार्यक्रम का समापन सूचित विकल्पों, सामुदायिक समर्थन और एकीकृत स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से एक स्वस्थ पीढ़ी का पोषण करने के साझा दृष्टिकोण की पुनः पुष्टि के साथ हुआ।
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