नई दिल्ली (ईएमएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वन अधिकार अधिनियम को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने में फेल है। कांग्रेस नेता ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट में वन अधिकार अधिनियम का बचाव करने के लिए तेजी से कार्रवाई करने की मांग की।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने एक्स पर लिखा कि मोदी सरकार वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) की अवहेलना करती है। इससे लाखों आदिवासी परिवार अपनी पारंपरिक भूमि से बेदखल हो रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने अन्याय को खत्म करने और आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन पर अधिकार सुनिश्चित करने के लिए 2006 में कानून पेश किया था। अब केंद्र सरकार की निष्क्रियता के कारण एफआरए के तहत अनगिनत वास्तविक दावों को बिना किसी समीक्षा के मनमाने ढंग से खारिज कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी लोगों को बेदखल करने का आदेश दिया, जिनके दावे खारिज कर दिए गए थे। इसके बाद पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। जवाब में अदालत ने बेदखली रोक दी और खारिज किए गए दावों की गहन समीक्षा करने का आह्वान किया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मामला दो अप्रैल को फिर से सुप्रीम कोर्ट में आया और एक बार फिर मोदी सरकार कार्रवाई में गायब रही। सरकार 2019 में कानून का बचाव करने में विफल रही और आज भी आदिवासी अधिकारों के लिए खड़े होने का कोई इरादा नहीं दिखाती है। इससे भी बुरी बात यह है कि लाखों लंबित और खारिज किए गए दावों की समीक्षा या पुनर्विचार करने का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार वास्तव में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करना चाहती है और लाखों परिवारों को बेदखली से बचाना चाहती है, तो उसे तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और अदालत में वन अधिकार अधिनियम का बचाव करना चाहिए।
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