गंगटोक : सिक्किम राज्य में नशा मुक्ति अभियान के तहत गठित राज्य स्तरीय संचालन समिति की पहली बैठक गुरुवार को स्थानीय ताशीलिंग सचिवालय में आयोजित हुई। मुख्य सचिव रवींद्र तेलंग की अध्यक्षता में हुई इस ऐतिहासिक बैठक में राज्य की व्यापक नशा विरोधी रणनीति के समन्वय हेतु समिति के काम की औपचारिक शुरुआत को केंद्रित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर तेलंग ने परिणाम आधारित लक्ष्य निर्धारण को महत्वपूर्ण बताते हुए स्पष्ट परिचालन प्रोटोकॉल और जवाबदेही तंत्र स्थापित करने में इस पहली बैठक के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ठोस परिणाम प्राप्त करने के लिए सरकार के बहु-विषयक और अंतर-विभागीय दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया। साथ ही, उन्होंने समिति द्वारा एक मिशन-मोड दृष्टिकोण अपनाने की घोषणा करते हुए सभी विभागों को मादक द्रव्यों के सेवन के खिलाफ इस लड़ाई में समन्वय करने और हाथ मिलाने का निर्देश दिया। तेलंग ने जोर दिया कि अगली बैठक इन योजनाओं की समीक्षा करने और सभी विभाग प्रमुखों की बैठक आयोजित करके किसी भी अंतर-विभागीय समन्वय मुद्दों को हल करने पर केंद्रित होगी।
इससे पहले, बैठक की शुरुआत में समाज कल्याण सचिव श्रीमती सारिका प्रधान ने अपने स्वागत भाषण में जोर दिया कि पहली बैठक सिक्किम में मादक द्रव्यों के सेवन की जटिल चुनौती से निपटने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग की रूपरेखा स्थापित करेगी। उन्होंने विभाग द्वारा किए गए आधारभूत कार्यों को प्रस्तुत किया, जिसमें जिलों में उपचार की जरूरतों का प्रारंभिक आकलन और प्रारंभिक सामुदायिक जुड़ाव के प्रयास शामिल हैं।
वहीं, अतिरिक्त समाज कल्याण सचिव वंदना छेत्री ने “नशा मुक्त सिक्किम: पदार्थ मुक्त भविष्य की ओर एक मार्ग” शीर्षक से अपनी एक प्रस्तुति में 2019 के एम्स के चिंताजनक आंकड़ों पर प्रकाश डाला, जिसमें सिक्किम में मादक द्रव्यों के सेवन की उच्च दर दिखाई गई। उन्होंने राज्य के बहुआयामी नशा मुक्त सिक्किम अभियान की रूपरेखा बताई, जिसमें राज्य और जिला स्तर पर जागरूकता अभियान, खेल गतिविधियां, नियमित बैठकें, प्रशिक्षण आदि शामिल हैं।
इसके बाद, प्रस्तुति के दूसरे भाग में कल्याण निरीक्षक केल्विन यांगदा ने निवारक रणनीति के रूप में सहयोग कार्यक्रम की राज्य विशिष्ट अभिनव पहल पर विस्तृत जानकारी साझा की।
बैठक में एक एजेंडावार चर्चा भी हुई जहां प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से अपने विचार रखे। साथ ही, इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए समिति के सदस्यों के सुझाव और सलाह मांगी गई। विचार-विमर्श में किच्चुडुमरा नशा मुक्ति केंद्र का संचालन, जेल में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना, व्यसन उपचार सुविधा, नव चेतना मॉड्यूल का कार्यान्वयन आदि जैसे अन्य प्रमुख मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया। सहयोगी सारथी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में परिवहन विभाग का समर्थन और सहायता मांगी गई।
इसी तरह, स्वयं सहायता समूहों और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से सहयोगी आमा के कार्यान्वयन के लिए ग्रामीण विकास विभाग और सहयोगी मित्र कार्यक्रम और नव चेतना मॉड्यूल को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग का सहयोग मांगा गया।
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