गुवाहाटी (ईएमएस)। भारत, म्यांमार और थाईलैंड को जोड़ने वाले 1,400 किलोमीटर लंबे हाईवे का काम म्यांमार में जारी अशांति के कारण रुक गया है। यह हाईवे मणिपुर के मोरेह से थाईलैंड के माए सॉट तक जाएगा और भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ने का महत्वपूर्ण जरिया बनेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत बेहद अहम है। हालांकि, म्यांमार की मौजूदा स्थिति ने इसके निर्माण में रुकावट डाल दी है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ‘एडवांटेज असम समिट’ में कहा, ‘हम म्यांमार की स्थिति को इस महत्वपूर्ण परियोजना को रोकने नहीं दे सकते। हमें व्यावहारिक समाधान तलाशने होंगे ताकि यह आगे बढ़ सके।’
इस हाईवे का 70% निर्माण कार्य जुलाई 2023 तक पूरा हो चुका था, लेकिन बार-बार देरी के कारण अभी तक इसे चालू करने की कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं की गई है। पहले यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की पड़ोसी पहले नीति के तहत बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और म्यांमार के साथ रिश्ते मजबूत हुए हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि कोविड-19 महामारी के समय भारत ने पड़ोसी देशों को टीके भेजे थे। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने नए सड़क मार्ग, रेलवे लिंक, जलमार्ग, बिजली ग्रिड, ईंधन पाइपलाइन और ट्रांसपोर्ट सुविधाएं विकसित की हैं और आगे और भी परियोजनाएं आने वाली हैं।
जयशंकर ने कहा कि जापान और दक्षिण कोरिया भारत में कई क्षेत्रों में बड़े आर्थिक साझेदार बनकर उभरे हैं। जापान विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में विकास परियोजनाओं में मदद कर रहा है, खासकर परिवहन और शिक्षा के क्षेत्र में। थाईलैंड और मलेशिया ने भारतीयों के लिए वीजा नियमों में छूट दी है और कई आसियान देशों ने हवाई संपर्क बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और कौशल विकास भविष्य में सहयोग के नए क्षेत्र बन सकते हैं।
#anugamini
No Comments: