गंगटोक : आगामी 8 मार्च को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के पहले गंगटोक डीएसी द्वारा आज “मातृत्व का पुनराविष्कार: माताओं को उनके बचपन के शौक और रुचियों से जोड़ना” थीम के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ग्रामीण विकास विभाग के एडीसी (विकास) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता संध्या गुरुंग मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थीं। उनके साथ इसमें गंगटोक के जिला कलेक्टर तुषार निखारे, एडीसी सिसुम वांगचुक भूटिया, एडीसी (मुख्यालय) छिरिंग नोरग्याल थींग, आरडीडी एडीसी (विकास) मिलन राई, सहायक कलेक्टर संदीप कुमार, जिला पंचायत डीपीओ सोनम ग्याछो भूटिया, बीडीओ, विभिन्न विभागीय अधिकारियों और अन्य ने भी शिरकत की।
कार्यक्रम में रचनात्मक लेखन, कला एवं शिल्प सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनके विजेताओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही, कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि और गणमान्य लोगों ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का दौरा भी किया। इसमें रांका राई गांव की हेमाली एसएचजी ने स्थानीय खाद्य उत्पादों और सजावटी वस्तुओं का प्रदर्शन किया, जबकि तथांगचेन की ड्रैगन हस्तशिल्प एसएचजी ने बांस के हस्तशिल्प, लकड़ी की नक्काशी, थांका पेंटिंग और अन्य पारंपरिक कलाकृतियों का प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर डीसी तुषार निखारे ने अपने संबोधन में कहा कि महिला दिवस 8 मार्च को प्रतिवर्ष मनाया जाता है, महिलाओं का व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह का योगदान अतुलनीय है और वे इसकी मान्यता की हकदार है। उन्होंने इन योगदानों को हर दिन स्वीकार करने और उनकी सराहना करते हुए महिलाओं के लिए अधिक समावेशी और सशक्त वातावरण बनाने के लिए सामूहिक प्रयास को प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डीएसी का प्राथमिक ध्यान सार्वजनिक सेवा पर बना हुआ है, जो सभी प्रक्रियाओं में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है। उन्होंने आगे के सुधारों के लिए विचारों के निरंतर आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया, प्रगति और नवाचार के लिए डीएसी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कार्यालय कर्मचारियों के समर्पण और कड़ी मेहनत की प्रशंसा करते हुए उपस्थित पुरुषों से महिलाओं के प्रयासों को स्वीकार करने और उनका समर्थन करने का भी आग्रह किया।
वहीं, मुख्य अतिथि संध्या गुरुंग ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले आयोजित इस समारोह में उपस्थित सभी महिलाओं को बधाई देते हुए अपने परिवार और समाज दोनों में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और इस बात पर जोर दिया कि उनकी क्षमता घरेलू जिम्मेदारियों से कहीं आगे जाती है। उन्होंने महिलाओं को पारंपरिक भूमिकाओं से परे देखने और अपनी क्षमताओं को पहचानने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को खुद पर विश्वास करना चाहिए। आज कई महिलाएं पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक संतुलित करती हैं, लेकिन उन्होंने उनसे और अधिक की आकांक्षा रखने और खुद को केवल सामाजिक अपेक्षाओं तक सीमित न रखने का आग्रह किया।
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं के सफल होने के लिए एक मजबूत सहायता प्रणाली महत्वपूर्ण है। इस संबंध में, उन्होंने पुरुषों से महिलाओं को सशक्त बनाने में सक्रिय सहयोगी बनने का आग्रह किया। उन्होंने महिलाओं को सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित करते हुए अवसरों को अपनाने और जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने को कहा।
कार्यक्रम के दौरान, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग की समाज कल्याण अधिकारी मणिकला गुरुंग ने घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, साइबर अपराध या मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता वाली महिलाओं को सहायता प्रदान करने वाली 24 घंटे की हेल्पलाइन 181 के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संकटग्रस्त महिलाओं के लिए एक अस्थायी आश्रय स्थल लोअर बुर्तुक के शक्ति सदन होम केयर और देवराली स्थित एक किफायती महिला छात्रावास सखी निवास जैसी सहायता सुविधाओं पर भी प्रकाश डाला।
#anugamini #sikkim
No Comments: