गंगटोक : प्रसिद्ध जैविक खेती के अग्रदूत तुलाराम उप्रेती का रविवार को जालीपुल स्थित शांतिघाट में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
सिक्किम सशस्त्र पुलिस (एसएपी) द्वारा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर देकर पद्मश्री पुरस्कार सम्मानित उत्प्रेती को विदाई दी गई, जिनके टिकाऊ कृषि में योगदान ने राज्य पर अमिट छाप छोड़ी है। इस दौरान मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति परिवार के सदस्यों, स्थानीय लोगों और शुभचिंतकों के साथ अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े हुए। उप्रेती ने सिक्किम में जैविक खेती को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा टिकाऊ पद्धतियों का समर्थन किया, जिन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई। उनका कार्य राज्य की कृषि नीतियों का आधार बना हुआ है, जो किसानों और नीति निर्माताओं को हरित भविष्य के लिए उनके दृष्टिकोण को जारी रखने के लिए प्रेरित करता है।
मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने रविवार को असम लिंग्ज़े स्थित स्वर्गीय पद्मश्री तुला राम उप्रेती के आवास पर जाकर उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। सिक्किम के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री ने उनके परिवार, मित्रों और शुभचिंतकों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। महान दिवंगत आत्मा के सम्मान में पद्मश्री स्वर्गीय तुला राम उप्रेती का अंतिम संस्कार शांतिघाट, जालीपुल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके योगदान के सम्मान में सिक्किम सशस्त्र पुलिस (एसएपी) की टुकड़ियों द्वारा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कृषि और जैविक खेती के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में पद्मश्री तुलाराम उप्रेती की सराहना की और सिक्किम की स्थिरता यात्रा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कृषि पद्धतियों के प्रति उप्रेती के समर्पण ने पीढ़ियों को प्रेरित किया है और राज्य को बहुत गौरव दिलाया है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उप्रेती की विरासत भविष्य की पीढ़ियों को समृद्धि और स्थिरता की ओर मार्गदर्शन करती रहेगी। स्पीकर, मंत्रीगण, वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उनके अंतिम दर्शन के लिए परिवार के सदस्यों, स्थानीय लोगों और शुभचिंतकों के साथ शामिल हुए।
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