गंगटोक : सार्वजनिक स्वास्थ्य, सम्मान और पर्यावरणीय स्थिरता में स्वच्छता का महत्व दर्शाते हुए विश्व शौचालय दिवस पर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आज सचिवालय सभागार में ‘हमारा शौचालय: हमारा सम्मान’ थीम पर स्वच्छ भारत विश्व शौचालय दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में ग्रामीण विकास व सहकारिता मंत्री अरुण कुमार उप्रेती शामिल हुए। उनके साथ कार्यक्रम में गंगटोक जिलाध्यक्ष बलराम अधिकारी, आरडीडी प्रमुख सचिव डी आनंदन, शिक्षा सचिव ताशी चोफेल लेप्चा, प्रमुख स्वास्थ्य निदेशक डीसी शर्मा, गंगटोक स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक बेनु गुरुंग के अलावा अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मंत्री ने जिलाध्यक्ष, उपाध्याक्ष और पंचायत से शौचालय की स्वच्छता गुणवत्ता का आकलन करने के लिए घरेलू सर्वेक्षण करने का आग्रह किया। उन्होंने स्कूलों, राजमार्गों और कार्यालयों में सामुदायिक शौचालयों के खराब रखरखाव पर भी प्रकाश डाला और तीन सप्ताह के अभियान तक सीमित रखने के बजाय पूरे वर्ष स्वच्छता को बढ़ावा देने की सिफारिश की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विश्व शौचालय दिवस को एक सामूहिक उपलब्धि बताते हुए इसमें जनता को शिक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने सभी से स्वच्छता बनाए रखने, इसमें सुधार हेतु मिलकर काम करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ग्रामीण शौचालय का कचरा जल स्रोतों या नालियों को दूषित न करे, बल्कि उचित सीवेज सिस्टम का उपयोग करे।
वहीं, कार्यक्रम में आरडीडी प्रमुख सचिव डी आनंदन ने विश्व शौचालय दिवस का आयोजन राजधानी में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय, ब्लॉक और जिला स्तर पर भी किये जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान 19 नवंबर से 10 दिसंबर, 2024 तक चलेगा। साथ ही सचिव ने यह भी बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सिक्किम को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) राज्य के रूप में मान्यता दी गई है, जो पिछले साल यह दर्जा हासिल करने वाला पहला राज्य है।
उन्होंने रखरखाव संबंधी चिंताओं से निपटने और गैर-कार्यात्मक सामुदायिक स्वच्छता परिसर चालू करने के लिए निर्माण के बाद व्यक्तिगत शौचालय रखरखाव प्रतियोगिता आयोजित करने की सिफारिश की, जिसमें बीडीओ और ग्राम पंचायत सीएससी को इन्हें कार्यात्मक बनाने और पानी, बिजली एवं सफाई कर्मचारियों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी होगी। साथ ही, उन्होंने सफाई कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन करने हेतु प्रेरित करने के लिए शिविर शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा। उनके साथ, बेनु गुरुंग ने विश्व शौचालय दिवस पर एक प्रस्तुति पेश की, जिसमें सीएससी और व्यक्तिगत घरेलू शौचालय के लिए सरकार और ग्राम पंचायत के बीच वित्तीय आवंटन, दिव्यांगों के अनुकूल शौचालयों की स्थापना और उन्हें अनिवार्य बनाने की योजना पर चर्चा की गई।
उल्लेखनीय है कि तीन सप्ताह व्यापी इस अभियान के दौरान 14 गैर-कार्यात्मक सीएससी बहाल किये जाएंगे, जिसमें राजमार्ग शौचालयों के मुद्दों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
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