गंगटोक : 2016 में देश के पहले खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) राज्य का दर्जा हासिल करने वाले सिक्किम राज्य ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत साफ-सफाई एवं स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करना जारी रखा है। इसी के तहत, आज विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से ओडीएफ मुक्त दर्जा बनाए रखने और व्यक्तिगत घरेलू शौचालय एवं सामुदायिक स्वच्छता परिसरों के निर्माण के माध्यम से इसमें विस्तार करने की घोषणा की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अपनी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद से सिक्किम ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता चुनौतियों का समाधान पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके तहत, हाल ही में विभिन्न जिलों में 7362 और व्यक्तिगत घरेलू शौचालय बनाये गये हैं, जिससे राज्य भर में इसकी कुल संख्या 14570 हो गई हैं। नये बनाये गये घरेलू शौचालयों में गेजिंग जिले 705, मंगन में 1144, नामची में 836, पाकिम में 2129 और सोरेंग जिले में 1259 शौचालय शामिल हैं। इसके साथ ही इन जिलों में कुल शौचालयों की संख्या क्रमश: 1609, 2449, 2297, 3167 और 2321 हो गई है।
घरेलू शौचालयों के अलावा, सिक्किम ने समुदायों की सेवा के लिए 679 सीएससी का भी निर्माण किया है, जिनमें से 427 दिव्यांगों के अनुकूल हैं। प्रत्येक 3,10,000 रुपये की लागत वाले ये परिसर सार्वजनिक स्थानों पर साझा स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करते हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वच्छता के मामले में सिक्किम ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इनमें 2019 में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित स्वच्छ भारत पुरस्कार में राज्य को ओडीएफ प्लस आईईसी अभियान में प्रथम स्थान शामिल है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए गए इस पुरस्कार ने सिक्किम के “कचरे से पैसा”, “कचरे के साथ सेल्फी” जैसे अभिनव अभियानों और ग्रामीण अपशिष्ट प्रबंधन में इसके प्रयासों को मान्यता दी।
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