मंगन : सिक्किम में जैविक फसलों के प्रबंधन पर जिला कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा कृषि इंजीनियरिंग और पोस्ट हार्वेस्ट टेक्नोलॉजी कॉलेज, सीएयू के सहयोग से आज केवीके सभागार में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सीएयू के वाइस चांसलर डॉ अनुपम मिश्र, प्रमुख बागवानी निदेशक सुमन कुमार शर्मा, एम फॉर एग्री परियोजना की पीआई डॉ अबुजाम अनुराधा देवी, मसाला बोर्ड के एडी डॉ पी रुस्तो, सीएईपीएचटी रानीपुल के डीन डॉ एनएस चौहान, बागवानी एडी रिनजिंग वोंग्याल भूटिया, बर्मेक डीन डॉ एके पांडे, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ भूषण प्रधान एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस अवसर पर अतिथियों द्वारा जिला केवीके में कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र का उद्घाटन भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सीएईपीएचटी रानीपूल के डीन डॉ एनएस चौहान के उद्घाटन भाषण से शुरू हुई, जिन्होंने क्षेत्र में कृषि नवाचारों के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं, एम फॉर एग्री परियोजना की पीआई डॉ अबुजाम अनुराधा देवी ने विशेष रूप से मोबाइल आधारित कृषि सलाहकार सेवाओं “पूर्वोत्तर भारत के नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल समाधानों के अनुकूलन, संवर्धन और परिनियोजन” पर प्रस्तुति दी।
इसके साथ ही कार्यक्रम समन्वयक भूषण प्रधान ने केवीके मंगन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने सफल कृषि परीक्षण, अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन और उच्च घनत्व वाली रोपण तकनीकों, विशेष रूप से मक्का के लिए चर्चा की। उन्होंने कृषि पर स्थानीय सफलता की कहानियां भी साझा कीं। वहीं, बर्मियोक के बागवानी कॉलेज के डीन डॉ एके पांड्या ने जैविक खेती, बागवानी, पोषण सुरक्षा और टिकाऊ खेती के तरीकों पर केंद्रित प्रस्तुति दी।
इसके अलावा, अन्य अतिथियों में मसाला बोर्ड के डॉ पी रुत्सो ने सिक्किम के जैविक खेती आंदोलन और विशेष अतिथि सुमन शर्मा ने जोंगू में प्राकृतिक खेती एवं बागवानी विपणन रणनीतियों के बारे में बताय। इनके साथ, सीएयू वाइस चांसलर डॉ अनुपम मिश्रा ने जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए मानव-केंद्रित अनुसंधान और स्थान-विशिष्ट पोषक तत्व सिफारिशों के महत्व पर जोर दिया।
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