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दिल्‍ली की सोच अच्‍छी है, पहाड़ को मिलेगा कुछ खास : बिमल गुरुंग

गोजमुमो अध्‍यक्ष ने 20 प्रतिशत पूजा बोनस का किया समर्थन

दार्जिलिंग । गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने कहा कि दिल्‍ली की सोच अच्‍छी है। वह आज शहर के गोरखा दुख निवारक सम्मेलन भवन में आयोजित पार्टी के 17वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

पार्टी के 17वें स्थापना दिवस समारोह में पहाड़ी, तराई और डुआर्स समेत देश के विभिन्न राज्यों से पार्टी नेता शामिल हुए। स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पार्टी प्रमुख बिमल गुरुंग ने कहा कि पहाड़ों में चाय श्रमिकों की वर्तमान स्थिति काफी शोचनीय है। चाय श्रमिक अपने हक की मांग को लेकर बागान फैक्ट्री के सामने गेट मीटिंग, धरना-प्रदर्शन आदि करने को मजबूर हैं। बिमल गुरुंग ने कहा, चाय श्रमिकों की इस दुर्दशा को केंद्र में रखते हुए, हमने पार्टी के स्थापना दिवस को भव्य तरीके से नहीं, बल्कि बहुत ही सामान्य तरीके से मनाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि हालांकि पार्टी के इस 17वें स्थापना दिवस पर बड़ी संख्या में लोगों का जुटना तय है, लेकिन चाय श्रमिकों की माताओं, पिताओं के दुख-दर्द को ध्यान में रखते हुए स्थापना दिवस को सामान्य तरीके से मनाने का निर्णय लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि चाय श्रमिकों को 20 प्रतिशत पूजा बोनस मिलना चाहिए, यह उनके अधिकार है।

बिमल गुरुंग ने कहा कि चाय श्रमिकों के खाते में केवल 16 प्रतिशत बोनस ही दिया जा रहा है शेष 4 प्रतिशत बोनस के मुद्दे पर 6 नवंबर को कोलकाता में एक बैठक होने वाली है। इसमें गोजमुमो के श्रमिक संगठन के नेता ईमानदारी से श्रमिकों का समर्थन करेंगे और गोजमुमो पार्टी हमेशा चाय श्रमिकों के पक्ष में खड़ी रहेगी।

मोर्चा के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने आगे कहा, 2009 से 2017 तक हम चाय श्रमिकों को 20 प्रतिशत पूजा बोनस देते रहे। उस समय एक-दो बार पूजा बोनस की बैठक हुई थी, जिसमें 20 प्रतिशत बोनस तय हुआ था। कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि किसी तरह का आंदोलन जैसे गेट मीटिंग, धरना-प्रदर्शन आदि की नौबत आई हो, लेकिन 2017 के बाद से चाय श्रमिकों को पूजा बोनस के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि दिल्ली में कई अच्छी चीजें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सोच अच्छी है और दार्जिलिंग पहाड़ी, तराई, डुआर्स क्षेत्र को जल्द ही अच्छी चीजें मिलेंगी, लेकिन यह क्या है, इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया। बिमल गुरुंग ने कहा कि आदिवासी समस्या को दूर करने के लिए सिक्किम और दार्जिलिंग ने मिलकर काम करने का जो निर्णय लिया है, वह स्वागतयोग्य है। उन्होंने इसे राजनीतिक मुद्दा बताया।

उनका मानना था कि चूंकि यह एक राजनीतिक मुद्दा है, इसलिए इसे राजनीतिक तरीकों से ही सुलझाया जाएगा। गोजमुमो के अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री से पहले ही चर्चा की थी और उस समय उन्होंने सकारात्मक संकेत दिया था। यह कहते हुए कि दिल्ली क्या देगी अभी इसका खुलासा करना संभव नहीं है, बिमल गुरुंग ने मंशा जताई कि समय आने पर राजनीतिक दलों के नेताओं से विचार-विमर्श के बाद ही इसका खुलासा किया जा सकता है।

#anugamini #darjeeling

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