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सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं शिल्‍पकार व कारीगर : Delay Namgyal Barfungpa

गंगटोक । केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के गंगटोक स्थित एमएसएमई-विकास और सुविधा कार्यालय द्वारा राज्य वाणिज्य व उद्योग विभाग के सहयोग से आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत तीन दिवसीय प्रदर्शनी सह व्यापार मेले की शुरुआत की गई। गंगटोक के दो प्रमुख स्थानों-एमजी मार्ग और चिंतन भवन में आयोजित ये मेले 27 सितंबर तक चलेंगे।

आज चिंतन भवन के प्रदर्शनी सह व्यापार मेले में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक सह शहरी विकास सलाहकार दिल्‍ले नामग्याल बर्फुंग्पा ने भाग लिया। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान निदेशक डीटी भूटिया, नई दिल्ली से एमएसएमई विकास आयुक्त कार्यालय के संयुक्त निदेशक गौरव कटियार, गंगटोक के सहायक कलेक्टर संदीप कुमार, नाबार्ड महाप्रबंधक अजय सिंह, सिडिको के मुख्य महाप्रबंधक संजय शिवकोटी, गंगटोक हस्तशिल्प व हथकरघा निदेशालय के निदेशक डीटी भूटिया और राज्य वाणिज्य व उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव तोपदेन जांगपो भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर विधायक बर्फुंग्पा ने लोगों को सिर्फ हैंडआउट्स प्रदान करने के बजाय आत्मनिर्भरता के साधनों से सशक्त बनाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में राज्य सरकार के “सुनहरे सिक्किम, समृद्धि सिक्किम” विजन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसमें छोटे उद्योगों और स्थानीय कारीगरों को समर्थन एवं बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने सभी कारीगरों और शिल्पकारों से राज्य और केंद्र दोनों योजनाओं, विशेष रूप से पीएम विश्वकर्मा योजना से पूरी तरह से लाभ उठाने और उनके लिए उपलब्ध ऋणों का लाभ उठाने का आग्रह किया।

वहीं, केंद्रीय एमएसएमई विकास आयुक्त गौरव कटियार ने अपने संबोधन में पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में बताते हुए इसकी विशिष्टता और बढ़ईगीरी, लोहार, सुनार, मिट्टी के बर्तन और सिलाई जैसे 18 पारंपरिक व्यवसायों के लिए इसके समर्थन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह योजना विभिन्न एमएसएमई योजनाओं के माध्यम से उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के व्यापक उद्देश्य के साथ कारीगरों और शिल्पकारों को पूरा समर्थन प्रदान करती है।

कार्यक्रम में सहायक कलेक्टर संदीप कुमार ने कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने की योजना की क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों को सहायता के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही, गंगटोक हस्तशिल्प निदेशक डीटी भूटिया ने कौशल उन्नयन के महत्व और पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 15000 रुपये मूल्य के टूलकिट के प्रावधान पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने योजना के तहत अधिक जागरूकता और गुणवत्ता प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह शत-प्रतिशत रोजगार सृजन का आश्वासन देता है।

इस दौरान, प्रतिभागियों को ऋण प्रक्रियाओं और एसएलबीसी और एमएसएमई प्रतिनिधियों द्वारा आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें डाकघर की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी बताया गया और उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।

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