दार्जिलिंग । दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने कहा कि चाय उद्योग में हमारे कर्मचारी विश्व स्तरीय दार्जिलिंग चाय का उत्पादन करने के लिए बहुत कठिन परिस्थितियों में कड़ी मेहनत करते हैं, जिसे ‘चाय की शैम्पेन’ के नाम से जाना जाता है। निस्संदेह, चाय उद्योग हमारे क्षेत्र में रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है, लेकिन 2017 से, दार्जिलिंग और कालिंपोंग में चाय श्रमिक अपने सबसे बड़े त्योहार, दशहरा के दौरान पूजा बोनस प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो उनके परिवारों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
दार्जिलिंग लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूजा बोनस को लेकर चाय बागान मालिकों के रवैये पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आगे कहा कि पूजा बोनस देने में देरी न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि हमारे चाय श्रमिकों पर आर्थिक और भावनात्मक दबाव भी बढ़ाती है जो राष्ट्रीय औसत मजदूरी से कम कमा रहे हैं। सांसद राजू बिष्ट ने मालिकों से चाय श्रमिकों की 20% पूजा बोनस की मांग को सम्मानपूर्वक पूरा करने की अपील की है।
यह कहते हुए कि एक समृद्ध चाय उद्योग का उज्ज्वल भविष्य उसके श्रमिकों को उचित वेतन और कामकाजी माहौल प्रदान करने पर निर्भर करता है, सांसद बिष्ट ने कहा, मैं इस उद्योग के संचालकों और राज्य के अधिकारियों से इस मामले को तुरंत हल करने का आग्रह करता हूं। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार और दार्जिलिंग प्लांटर्स एसोसिएशन से पहाड़ी चाय बागान श्रमिकों को तुरंत 20 प्रतिशत बोनस देने का आह्वान किया। दार्जिलिंग लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने कहा, एक साथ मिलकर हम अपने चाय उद्योग और उसके श्रमिकों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने में सक्षम होंगे।
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