गंगटोक । सोरेंग स्थित परी प्रकाशन ने आज जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ सिक्किम के कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और बताया कि वह 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को दो दिवसीय साहित्यिक उत्सव का भव्य आयोजन करेगा।
प्रकाशन के अध्यक्ष सीपी शर्मा ने बताया कि प्रकाशन अब तक जिला स्तर और राज्य स्तर पर साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करता रहा ह, लेकिन इस वर्ष एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का साहित्यिक उत्सव आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर, 2020 को स्थापित परी प्रकाशन ने अब तक राज्य के विभिन्न रचनाकारों की 20 रचनाएं प्रकाशित की हैं और उनमें से कई खुले विचारों वाली हैं।
आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आने वाले दिनों में होने वाले साहित्यिक महोत्सव के बारे में खास तौर पर जानकारी दी। इस महोत्सव को सोरेंग के जौतार में भव्यता के साथ मनाने की पहले से योजना थी, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण कार्यक्रम में खलल पड़ने की आशंका है। यह दो दिवसीय कार्यक्रम परी प्रकाशन के मुख्य संरक्षक और राज्य के मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग के सुझाव और मार्गदर्शन में गंगटोक में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम मनन केंद्र में ही किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों के साथ पैनल डिस्कशन के साथ-साथ एक अनूठा कार्यक्रम होगा तथा दूसरे दिन सामूहिक काव्य पाठ एवं पुस्तक विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष से परी पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पुरस्कार के लिए चयनित होने वाली 53 पुस्तकों में से एक महिला लेखक और एक पुरुष लेखक को यह पुरस्कार दिया जाएगा जूरी ने लेखिका डॉ गीता निरौला को उनकी आलोचनात्मक कृति कश्यप की महाकाव्यवाणी के लिए और पुरुष लेखक भीम ठटाल को उनके काव्य संग्रह के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना है। उन्होंने आगे बताया कि पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र, वस्त्र और 61,000 रुपये नकद दिये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री और परी प्रकाशन के मुख्य संरक्षक उपस्थित रहेंगे। उन्होंने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य भर के साहित्य प्रेमियों को इस दो दिवसीय भव्य साहित्यिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। आज की प्रेस वार्ता में परी प्रकाशन के महासचिव हेमन्त थापा और संपादक डॉ रतन रसैली भी उपस्थित थे।
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