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मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने राज्य स्तरीय स्वच्छता ही सेवा अभियान का किया शुभारंभ

सीएम गोले ने 21 सितंबर को सभी से श्रमदान का किया आह्वान

गंगटोक । स्वच्छता और पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने आज स्थानीय चिंतन भवन में “स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता” थीम के साथ राज्य स्तरीय स्वच्छता ही सेवा अभियान का शुभारंभ किया।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण एवं शहरी) के तहत संबंधित विभागों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री, लोकसभा सांसद, मुख्य सचिव, डीजीपी, सलाहकार, विधायक, जिलाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला पंचायत, मेयर, डिप्टी मेयर, पार्षद एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री गोले ने स्वच्छता ही सेवा शपथ दिलाई और सभी को विश्वकर्मा पूजा और इंद्रजात्रा की शुभकामनाएं दीं। साथ ही, उन्होंने सिक्किम वासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन और स्वच्छ भारत अभियान के सफल 10 साल पूरे होने पर बधाई दी और इसे वैश्विक आंदोलन बताया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने जोर दिया कि स्वच्छ भारत के विजन को साकार करने के लिए सभी स्तरों पर इसके प्रति जागरूकता महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्वच्छता के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरी निकायों के लिए नकद पुरस्कारों की घोषणा भी की।

स्वच्छता पहल में सिक्किम की अग्रणी भूमिका को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री गोले ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने हेतु निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों, धार्मिक निकायों, गैर-सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को भी उपेक्षित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने और इस वर्ष की थीम, “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” के अनुरूप उन्हें बदलने की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। स्वच्छता ही सेवा अभियान के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने सभी नागरिकों से इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता को लेकर घरेलू स्तर पर दो सप्ताह का उत्सव शुरू होना चाहिए, ताकि राज्य स्तर पर इसकी सफलता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने अभियान की थीम पर प्रकाश डालते हुए स्वच्छता के प्रति दृष्टिकोण और सांस्कृतिक धारणाओं में बदलाव का भी प्रस्ताव रखा।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री गोले ने आगामी 21 सितंबर को श्रमदान का आह्वान करते हुए हर क्षेत्र में ब्लैक स्पॉट की पहचान और सफाई का आग्रह किया। इसके लिए उन्होंने सभी विधायकों, निर्वाचित प्रतिनिधियों, नागरिक समाज संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों से इस दिन सफाई गतिविधियों का आयोजन करने को कहा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एक-दूसरे को प्रोत्साहित करने और प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया पोर्टल पर साफ किए जा रहे क्षेत्रों की पहले और बाद की तस्वीरें अपलोड करने का सुझाव दिया। उन्होंने स्वच्छता के व्यक्तिगत प्रयासों से शुरू होने पर जोर देते हुए व्यक्तिगत स्तर पर कचरा पृथक्करण की वकालत की। इसके लिए उन्होंन थ्री-बिन नीति के कार्यान्वयन को प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने यूडीडी और आरडीडी द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रियाओं और सर्कुलरों का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए बीडीओ के लिए एक विवेकाधीन अनुदान की घोषणा की, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों के लिए नकद पुरस्कार भी दिए।

कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री भोज राज राई ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पहल में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सूचना शिक्षा, क्षमता निर्माण, शौचालय निर्माण और अपशिष्ट जल प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल हैं, जिन पर विभाग सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने प्लास्टिक कचरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सिक्किम के सभी बाजारों में पेट बोतल प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और कहा कि विभाग अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को और बढ़ाने के लिए सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाएं स्थापित करने पर काम कर रहा है। मंत्री ने स्वच्छता को बढ़ावा देने में शहरी स्थानीय निकायों की सक्रिय भागीदारी पर भी जोर दिया और इन प्रयासों की सफलता सुनिश्चित करने में सार्वजनिक भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। इस दिशा में उन्होंने गांधी जयंती पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरी निकायों को नकद पुरस्कार देने की बात कही।

वहीं, ग्रामीण विकास मंत्री अरुण उप्रेती ने स्वच्छता ही सेवा अभियान को मिले मुख्यमंत्री के समर्थन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए इसके प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने स्वच्छ और हरित सिक्किम के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देते हुए सभी नागरिकों, सरकारी अधिकारियों और हितधारकों से इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने और सिक्किम को पर्यावरणीय जिम्मेदारी का एक शानदार उदाहरण बनाने में योगदान देने का आग्रह किया।

इससे पहले, आरडीडी के प्रधान सचिव डी आनंदन ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि सिक्किम में स्वच्छता ही सेवा अभियान का शुभारंभ सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ाने में स्वच्छता और सफाई की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है और राज्य और उसके नागरिकों की सामूहिक प्रतिबद्धता को मजबूत करता है कि वे अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता और सफाई को मौलिक मूल्यों के रूप में बनाए रखें। उन्होंने कहा कि सिक्किम अपने 50वें राज्यत्व की वर्षगांठ मना रहा है, इसका उद्देश्य भारत में स्वच्छता नेता के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखना है।

कार्यक्रम में स्वच्छता ही सेवा अभियान पर एक वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग भी हुई। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने यूडीडी के तहत आकांक्षी शौचालय परियोजना की आधारशिला रखने के वर्चुअल समारोह में भाग लिया। साथ ही, मुख्यमंत्री ने ताशीलिंग सचिवालय परिसर में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी और कंपोस्टिंग यूनिट का भी वर्चुअल उद्घाटन किया और थ्री-बिन अभियान के लिए एसओपी का भी अनावरण किया। इसके अलावा, उन्होंने आरडीडी द्वारा निर्मित स्वच्छता जिंगल का भी शुभारंभ किया और सोरेंग और पाकिम जिलों को पहल के आगे के कार्यान्वयन के लिए मोबाइल ट्रीटमेंट यूनिट सौंपी।

इस अवसर पर सफाई मित्रों के उल्लेखनीय कार्य के लिए पांच सफाई मित्रों को डिग्निटी कार्ड सौंपे गए।

उल्लेखनीय है कि स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत 17 सितंबर से सिक्किम भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनका समापन 2 अक्टूबर को स्वच्छ भारत दिवस पर होगा।

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