गंगटोक : स्कूलों में विशेष संख्यात्मकता कार्यक्रम लागू करने की दिशा में राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा नई दिल्ली स्थित जोड़ो ज्ञान के साथ स्थानीय एक होटल में आठ नोडल स्कूलों के राज्य संसाधन समूह सदस्यों और शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला आयोजित की गई। विगत 18 से 20 अगस्त को आयोजित इस कार्यशाला में राज्य के कुल 65 एसआरजी और नोडल शिक्षकों ने सक्रियता से भाग लिया।
इसके उद्घाटन सत्र में एससीईआरटी निदेशक डॉ रॉबिन छेत्री ने प्रारंभिक कक्षाओं में बुनियादी संख्यात्मकता को मजबूत करने के महत्व पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को अपने-अपने स्कूलों और जिलों में संसाधन नेतृत्वकर्ता के रूप में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। बताया गया है कि इस कार्यशाला के उद्देश्य शिक्षकों एवं एसआरजी सदस्यों द्वारा अपने स्कूलों में विशेष संख्यात्मकता कार्यक्रम लागू करने में की क्षमता को मजबूत करना, उन्हें सितंबर तक कक्षा 1-3 के लिए गणित की कक्षाएं संचालित करने के लिए तैयार करना और राज्य भर में आगामी 5वीं क्लस्टर स्तरीय कार्यशालाओं की तैयारी को सुगम बनाना है।
इस दौरान, विभिन्न सत्रों में गुणनात्मक चिंतन के साथ 1000 तक के जोड़-घटाव पर व्यावहारिक प्रदर्शनों और गतिविधि-आधारित रणनीतियों के साथ ध्यान केंद्रित किया गया। शिक्षकों ने शैक्षणिक प्रथाओं को मजबूत करने के लिए समूह चर्चा, सहपाठी शिक्षण और कक्षा में व्यावहारिक सिमुलेशन में भाग लिया। साथ ही, अपने-अपने स्कूलों में आयोजित सत्र 1 के मूल्यांकन के दौरान उपलब्धियों पर एक चिंतन सत्र भी हुआ। वहीं, प्रतिभागियों ने छात्रों की प्रगति, कक्षा की चुनौतियों और सीखने में सहायक प्रभावी प्रथाओं पर अपने विचार साझा किए।
कार्यशाला में सितंबर में कक्षा कार्यान्वयन के लिए एक साझा कार्य योजना बनाई गई। वहीं, शिक्षकों ने आगामी क्लस्टर-स्तरीय कार्यशालाओं में सहयोग करने के लिए तत्परता विकसित की, जहां वे शैक्षणिक नेतृत्वकर्ता के रूप में कार्य करेंगे। इसने सहपाठी आदान-प्रदान और सहयोग को भी बढ़ावा दिया, जिससे एसआरजी और नोडल शिक्षकों का नेटवर्क मजबूत हुआ। कार्यक्रम का समन्वयन एससीईआरटी उप निदेशक राजीव फिलिप ने किया।
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