गंगटोक : हिमालयी राज्य सिक्किम में इस वर्ष सामान्य से कम बारिश के आसार दिखाई दे रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा बुधवार तक सिक्किम में वर्षा वितरण के जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इस बार राज्य में मानसूनी बारिश में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है। ये आंकड़े राज्य के लिए उस समय की चिंताजनक तस्वीर पेश करते हैं जब मानसून अपने चरम पर होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सिक्किम में 1 जून से 23 जुलाई तक 561.3 मिमी वर्षा हुई है, जो इसी अवधि के सामान्य औसत 793.1 मिमी से 29 प्रतिशत कम है। यह कमी राज्य के सभी जिलों में दिखाई दे रही है, जिससे किसान और जल संसाधन प्रबंधक चिंतित हैं। जिलावार आंकड़ों के अनुसार, गंगटोक में सबसे अधिक कमी दर्ज की गई, जहां सामान्य 1056.9 मिमी से 35 प्रतिशत कम 691.6 मिमी वर्षा हुई है। वहीं, पाकिम में 590.5 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 22 प्रतिशन कम है, जबकि मंगन में 24 घंटे में सबसे अधिक 21.1 मिमी वर्षा होने के बावजूद, सामान्य मौसमी वर्षा से 28 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
राज्य के अन्य जिलों में भी कम वर्षा का क्रम ही देखने को मिला है। गेजिंग जिले में सामान्य 814.5 मिमी से 44 प्रतिशत कम 453.5 मिमी बारिश हुई है जबकि सोरेंग जिले में 639.5 मिमी बारिश हुई जो कि सामान्य 814.5 मिमी से 21 प्रतिशत कम है। इसी प्रकार, नामची जिले में 721.8 मिमी बारिश हुई है जो सामान्य बारिश 783.4 मिमी से 8 प्रतिशत कम है। वहीं, पिछले 24 घंटों में मंगन में सबसे अधिक 21.1 मिमी बारिश हुई, जो दैनिक सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक है। पूरे राज्य में 15.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो दिन के औसत से केवल 6 प्रतिशत अधिक है।
आईएमडी गंगटोक के निदेशक जीएन राहा ने यहां मीडिया से बातचीत में राज्य में कम बारिश पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने चेतावनी दी, सिक्किम में कृषि गतिविधियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। लंबे समय से बारिश की कमी के कारण, कई धान के खेत सूख गए हैं और जल स्रोत कम हो रहे हैं। अगर आने वाले दिनों में बारिश होती भी है, तो वह मौसम की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। यह स्थिति राज्य की कृषि उत्पादकता, सिंचाई और पेयजल दोनों के लिए पानी की उपलब्धता के लिए एक बढ़ती चुनौती है।
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