दार्जिलिंग हिल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट का अनित थापा ने किया उद्घाटन

दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के हरे-भरे चाय बागानों से घिरी शांत और खूबसूरत तकदाह घाटी में आज एक नया इतिहास रचा गया। पीढ़ियों से पल रहे अपने इंजीनियरिंग कॉलेज का सपना आखिरकार साकार हो गया।

गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर एक भव्य समारोह में दार्जिलिंग हिल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (डीएचआईटीएम) का औपचारिक उद्घाटन हुआ। दार्जिलिंग हिल्स न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए, बल्कि पहले से ही शिक्षा के केंद्र के रूप में जाना जाता था, अब निश्चित रूप से उच्च तकनीकी शिक्षा के केंद्र के रूप में जाना जाएगा। जीटीए के शिक्षा विभाग और इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आयोजित उद्घाटन समारोह में जीटीए प्रमुख अनित थापा मुख्य अतिथि थे।

गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा इस परियोजना में लगातार शामिल रहे हैं। इस परियोजना को सफल बनाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही है। यह परियोजना पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर सफलतापूर्वक निर्मित पहला शैक्षणिक संस्थान है। राष्ट्रीय जलविद्युत विद्युत निगम (एनएचपीसी) ने इस निगम के कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत 40 करोड़ रुपये का निवेश किया है और इसका प्रबंधन ओडिशा बाल कल्याण एवं शिक्षा ट्रस्ट (ओसीडब्ल्यूईटी) द्वारा किया जाता है।

डीएचआईटीएम, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएकेएयूटी) से संबद्ध है और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह संस्थान कंप्यूटर विज्ञान, मैकेनिकल, सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक अध्ययन के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में विशेष अध्ययन भी प्रदान करेगा। इसके अलावा, एनईपी-2020 के अनुसार होटल प्रबंधन और पाक कला के पाठ्यक्रम भी उपलब्ध होंगे। संस्थान का उद्देश्य केवल स्नातक पाठ्यक्रमों को ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक अनुसंधान और विकास को भी प्राथमिकता देना है।

प्लास्टिक मुक्त वातावरण में नेपाली सांस्कृतिक नृत्यों, स्थानीय कलाकारों के प्रदर्शन और स्थानीय निवासियों व अभिभावकों की उल्लेखनीय उपस्थिति के साथ आयोजित उद्घाटन समारोह इस बात का प्रमाण था कि यह संस्थान न केवल दार्जिलिंग, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत को एक नई राह दिखा रहा है।

इस कॉलेज ने यह उम्मीद जगाई है कि यह आने वाली पीढ़ियों को न केवल रोज़गार, बल्कि आत्मविश्वास और पहाड़ों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी प्रदान करेगा। दार्जिलिंग पहाड़ियां हमेशा से शिक्षा के लिए एक प्रसिद्ध स्थान रही हैं, लेकिन इसके बावजूद, यहां तकनीकी शिक्षा केंद्र का अभाव उस प्रतिष्ठा को एक ऐसा एहसास देता रहा है कि ‘एक पत्थर भी दाग़ हो सकता है। अब, उम्मीद है कि इस कॉलेज की स्थापना उस कमी को पूरा करेगी और युवाओं को उनकी पसंद के अनुसार भविष्य के लिए तैयार करने में भूमिका निभाएगी। कॉलेज का उद्देश्य छात्रों को शत-प्रतिशत रोज़गार के अवसर प्रदान करने के लक्ष्य के साथ क्षेत्रीय आर्थिक विकास में योगदान देना है।

#anugamini #darjeeling

No Comments:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

National News

Politics