संजय गोस्वामी विश्व हिन्दी दिवस, 10 जनवरी को मनाया जाता है, यह दिन हिन्दी भाषा की बढ़ती वैश्विक पहचान और सम्मान को दर्शाने के लिए समर्पित है। भारत सरकार ने 2006 में इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी, ताकि हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिष्ठा मिल…
सनत जैन अमेरिका की तरह अब भारत की राजनीति को पूंजीपति नियंत्रित कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के पहले इंडिया गठबंधन बना।जिसमें देश की सभी विपक्षी पार्टियों शामिल हुई। विशेष रूप से विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय दल इंडिया गठबंधन में शामिल हुए। जब इंडिया गठबंधन बना था,तब यह कयास लगाए जा रहे थे,जल्द ही इंडिया…
लेखक- ललित गर्ग मानव इतिहास की सबसे बड़ी एवं भयावह महामारी कोरोना को झेल चुकी दुनिया पर एक और नये चीनी वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के संक्रमण की खबर ने दुनियाभर को चिंता में डूबो दिया है, बाजार से लेकर सामान्य जन-जीवन तक में डर, खौफ, अफरा-तफरी एवं असमंजस्य का माहौल व्याप्त है। कोविड-19 और…
लेखक – राकेश अचल दुनिया की राजनीति में महिलाएं ही सॉफ्ट टारगेट क्यों होती हैं ? इस यक्ष प्रश्न का उत्तर कोई दे नहीं पाया है ,यहां तक कि खुद महिलाएं भी। महिलाएं नेताओं की बदजुबानी का रोज शिकार बनतीं हैं लेकिन वे इसका प्रतिरोध नहीं कर पातीं क्योंकि महिलाएं भी एकजुट नहीं हैं। उनका…
अश्विनी वैष्णव “जब हम वैश्विक भविष्य के बारे में बात करते हैं, तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए।” हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ये शब्द, लोगों को पहले रखने के भारत के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। इस दर्शन ने डिजिटल व्यक्तिगत…
तनवीर जाफ़री पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का गत 26 दिसंबर को 92 साल की आयु में निधन हो गया। अपने प्रधानमंत्रित्व काल में डॉक्टर मनमोहन सिंह को भाजपा नेताओं की जिसतरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा वह इतिहास में दर्ज हो चुका है। जैसे घटिया शब्द उस महान विश्वविख्यात अर्थशास्त्री की आलोचना के…
हितानंद शर्मा शासन में ‘सुशासन’ का भाव भारत की संस्कृति की विशिष्टता है। सुशासन, अर्थात लोक मंगल की कामना से किया जाने वाला शासन। भगवान श्रीराम के रामराज्य के आदर्श शासन से प्रेरणा लेकर हर युग में सुशासन के अनेक उदाहरण रहे हैं, जिनमें शासक लोक कल्याण के लिए कार्य करते रहे। यह भारतीय संस्कृति…
सुमित पचौरी कुछ लोग चांदी की चम्मच मुंह में लिये पैदा होते हैं और वे इतिहास की धारा में आगे बढ़ते जाते हैं। लेकिन कुछ लोग संघर्ष के लिये जन्मते हैं। वे इतिहास की धारा को मोड़ देते हैं। 25 दिसंबर के दिन इस योजना का भूमिपूजन न केवल श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के…
विष्णुदत्त शर्मा मध्यप्रदेश की पुण्यभूमि, जो अपनी सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक गौरव के लिए प्रसिद्ध है, अब एक और ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनने जा रही है। 25 दिसंबर 2024 को मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के खजुराहो में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का शिलान्यानस यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों से होगा।…
डॉ. प्रितम भि. गेडाम ग्राहक धोखाधड़ी ऐसी समस्या है जिसका जाने-अनजाने में हम नित्य शिकार होते है, लेकिन बहुत बार हम जानकर भी अनसुना करते है, या ज्यादा गंभीरता नहीं दर्शाते, परंतु इसका बहुत गहरा प्रभाव होता है और जानमाल का नुकसान होकर संपूर्ण अर्थव्यवस्था प्रणाली को आघात पहुँचता है। आम इंसान के रोजमर्रा के…