टाइम कैप्सूल को किया गया सील

यह कैप्सूल राज्य गठन के 100 साल पूरे होने अवसर पर खुलेगा

गंगटोक : सिक्किम राज्य गठन के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए राज्य सरकार ने आगामी 50 वर्षों की अवधारणा एवं भविष्य की दृष्टि के साथ आज एक टाइम कैप्सूल को सील कर दिया। स्थानीय ताशीलिंग सचिवालय के पास रुस्तमजी हिरण पार्क में स्थापित किया गया यह कैप्सूल अब राज्य गठन के 100 साल पूरे होने पर खोला जायेगा।

बताया गया है कि अमेरिका से मंगवाया गया यह विशेष कैप्सूल वहां की अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा अनुमोदित है। राज्य की शताब्दी पर जब आने वाली पीढि़यां इसे खोलेंगी, तो उन्हें न केवल आज के दस्तावेज और कलाकृतियां, बल्कि सिक्किम की आवाज, यादें और आकांक्षाएं भी मिलेंगी। यह टाइम कैप्सूल 2075 तक सील रहेगा, जब सिक्किम राज्य के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाएगा। इसके अंदर केवल वस्तुएं ही नहीं, बल्कि आशाएं, यादें और एक पीढ़ी की धड़कनें भी हैं। आज के नागरिकों के लिए, यह एक स्मारक के रूप में होगा कि 1975 में भारतीय संघ में शामिल होने के बाद से सिक्किम कितना आगे बढ़ गया है, और कितना कुछ बदल रहा है।

गौरतलब है कि इस टाइम कैप्सूल का विचार सबसे पहले इस साल की शुरुआत में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के डेटा विश्लेषक कर्मा योंजन ने राज्य गठन की स्वर्ण जयंती मनाने के तरीके पर चर्चा के दौरान सुझाया था। इसके बाद, इस प्रस्ताव ने गति पकड़ी और गृह विभाग सहित विभिन्न विभागों के बीच इस पर चर्चा हुई, और फिर इसे मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के समक्ष रखा गया। आईपीआर सचिव अन्नपूर्णा आले के अनुसार, मुख्यमंत्री शुरू से ही इस परियोजना को लेकर बहुत खुले और उत्साहित थे।

परियोजना का औपचारिक शुभारंभ 16 मई, 2025 को राज्य दिवस समारोह के दौरान हुआ, जब इस कैप्सूल को सिक्किम के अतीत, वर्तमान और भविष्य के बीच एक प्रतीकात्मक सेतु के रूप में घोषित किया गया। जल्द ही पूरे राज्य से योगदान आने लगे और 534 से अधिक नागरिकों ने इसमें अपने व्यक्तिगत संदेश भेजे। इनमें परिजनों को लिखे पत्र, भावी पीढि़यों के लिए नोट्स और 2025 में जीवन पर विचार आदि शामिल हैं। इसमें, 2022 के सिविल सेवा बैच, फिल्म निर्माता उगेन चोपेल, सांस्कृतिक संगठनों और स्कूली बच्चों ने भी अपना योगदान भेजा, जिसमें “2075 के सिक्किम” को संबोधित पत्र भी शामिल हैं।

साथ ही, विभिन्न सरकारी विभागों ने अपनी उपलब्धियों, रिपोर्टों और भविष्य के लिए दृष्टिकोणों के रिकॉर्ड जोड़े। वहीं, एक जीवंत विरासत के रूप में वन एवं कृषि विभागों ने धान, औषधीय पौधों और पेड़ों के बीज अंदर रखे, जिसे आने वाली पीढि़यां से रोप सकती हैं। सांस्कृतिक योगदानों में तमांग और लिम्बू समुदायों के आभूषण, संगीत वाद्ययंत्र, व्यंजन विधि, अनुष्ठान और यहां तक कि लेप्चा टोपी बनाने के विस्तृत निर्देश भी इस कैप्सूल में रखे गये हैं। इनके अलावा, कैप्सूल में सिक्किम की सभी 13 मान्यता प्राप्त भाषाओं की लिखित सामग्री, तस्वीरें और ऑडियो-विजुअल सामग्री, मोबाइल फोन, गैजेट और अन्य वर्तमान रोजमर्रा की वैसी चीजें भी इस कैप्सूल में रखी गईं हैं जो संभवत: 2075 तक अवशेष के रूप में दिखाई देंगी।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang-Golay समेत कई राजनीतिक नेताओं और सार्वजनिक हस्तियों के संदेश भी इसमें रखे गये हैं। मुख्यमंत्री गोले ने अपने संदेश लिखा है, 1975 में सिक्किम जो था, वह 2025 से बहुत अलग है। हमारे नाम, संस्कृति और परंपराएं विकसित हो रही हैं। यह कैप्सूल यह सुनिश्चित करेगा कि आने वाली पीढि़यां जानें कि हम कौन थे, हमारे क्या मूल्य थे और आज हम कैसे रहते हैं। संदेश देने वाले अन्य नेताओं में जीटी ढुंगेल, भोजराज राई, राजू बस्‍नेत, एलएन शर्मा, तेनजिंग लाम्‍टा, विधायक आदित्य गोले सहित कई मंत्री, सचिव और नौकरशाह शामिल हैं।

आज कैप्सूल सीलिंग के मौके पर सचिव आले ने कहा, पचास साल बाद जब यह कैप्सूल खुलेगा, तो लोग न केवल इतिहास के बारे में पढ़ेंगे, बल्कि हमारी आवाज, मूल्यों और दृष्टिकोण को भी महसूस करेंगे।

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